Baba Ramdev Tips: खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से लोगों में बैड कोलेस्ट्रॉल हाई हो रहा है. इसका हाई लेवल खतरे की घंटी की तरह है, जो कभी भी आपके दिल की धड़कनों को रोक सकता है. बैड कोलेस्ट्रॉल नसों में भरकर अंदर चिपक जाता है. इसकी यह परत नसों अंदर जमने लगती हैं. यह धमनियों में चिपककर ब्लड वेसल्स के माध्यम से हृदय तक पहुंचता है. हृदय एक पंपिंग मशीन है, जिसमें ब्लड वेसल्स के माध्यम से पहुंचता है और वहां से ब्लड प्यूरिफाई होकर शरीर के सभी अंगों में पहुंचता है, लेकिन गंदा कोलेस्ट्रॉल धमनियों में चिपक जाता है और जीवन के लिए खतरा बन जाता है. योग गुरु स्वामी रामदेव ने इसको कम करने के आसान तरीके बताए हैं.
दो तरह के होते हैं कोलेस्ट्रॉल
वास्तव में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं. मनुष्य के लिए अच्छा कोलेस्ट्रॉल बहुत जरूरी है. यह एक प्रकार का वसा होता है जो चिपचिपे मोम की तरह होता है. कोलेस्ट्रॉल शरीर में कई हार्मोन और कोशिकाएं बनाता है. यदि शरीर में कोलेस्ट्रॉल नहीं रहेगा तो हम अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे. लेकिन बैड कोलेस्ट्रॉल हमारे लिए एक और बड़ा विलेन है. खराब कोलेस्ट्रॉल से आपकी जान को भी खतरा है.
बैड कोलेस्ट्रॉल को दूर करेंगे ये योगासन
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन खराब कोलेस्ट्रॉल को जड़ से खत्म कर सकता है. इसके लिए अपने पैरों को अपने सामने सीधा करके बैठ जाएं. इस स्थिति में आपके पैर आगे की ओर होने चाहिए. धीरे-धीरे अपने धड़ को अपने पैरों के पास लाएं और जितना हो सके उन्हें मोड़ें. ऐसा करते समय आपका पेट और छाती आपकी जांघों से छूनी चाहिए. पैरों को छूते हुए अपना चेहरा आगे की ओर रखें. 10-20 सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें. आप अपनी सुविधानुसार इसे दोहरा सकते हैं. पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करते समय शरीर के पिछले हिस्से यानि रीढ़ की हड्डी पर जोर पड़ता है इसलिए इस आसन को पश्चिमोत्तानासन कहा जाता है.
सर्वांगासन
इस पोजीशन में आपको अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर रखना होता है. जिसमें पूरा शरीर कंधों पर संतुलित रहता है. इसके लिए आप पीठ के बल लेट जाएं और धीरे-धीरे दोनों पैरों को 90 डिग्री तक उठाएं. अगर उठाना मुश्किल हो तो हाथ से सहारा दें. याद रखें कि शरीर का पूरा भार आपके कंधों और ऊपरी बांहों पर होना चाहिए, न कि आपके सिर और गर्दन पर. शुरुआत में आप अपनी पीठ के नीचे 2-3 तकिए लगा सकते हैं.
नाड़ी शोधन प्राणायाम
इस आसन के लिए सबसे पहले घुटनों को सीधा और पीठ को सीधा करके बैठ जाएं. दाहिने हाथ की अंगुलियों को मुंह के सामने लाएं. अंगूठे को दायीं नासिका पर और अनामिका को बायीं नासिका पर रखें. पहले एक नथुने को पिंच करके दूसरे नथुने से श्वास लें और फिर दूसरे नथुने को पिंच करके पहले नथुने से श्वास लें. इस क्रिया को दोहराएं. बलपूर्वक श्वास न लें. जितनी देर हो सके सांस को रोकें और फिर छोड़ें.
बालासन योग
इस आसन को करने के लिए घुटनों के बल सीधे बैठ जाएं. दोनों एड़ियों को आपस में स्पर्श कराएं. गहरी सांस लें और आगे की ओर झुकें. जैसे ही आप अपना पेट नीचे करें, इसे दोनों जांघों के बीच ले जाएं और सांस छोड़ें. इस स्थिति में आपका माथा और हथेलियां फर्श को छूती हुई होनी चाहिए. इससे शरीर में खिंचाव होता है और आप आराम महसूस करते हैं. इस स्थिति में 10-15 सेकेंड तक रहें. इस योगाभ्यास के 4 से 5 सेट रोजाना करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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