Menopause: ऐसे तो महिलाओं को हर महीने पीरियड्स आना एक एक आम बात है. लेकिन ये समस्या गंभीर तब हो जाती है, जब कभी बीच में अचानक से आपका पीरियड्स आना बंद हो जाए. लेकिन महिलाओं में पीरियड्स भी एक सीमित समय तक होने वाली प्रक्रिया है. बता दें कि महिलाओं में पीरियड्स शुरू होने का सही समय 12 से 15 साल की उम्र है, वहीं इसके बंद होने की बात करें तो ये 45 से 50 की उम्र होता है.इसे मेनोपॉज कहा जाता है. मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का अहम हिस्सा होता है. इस समय शरीर में कई सारे बदलाव आते हैं, जिसके कारण कई बार महिलाओं के स्वभाव में भी बदलाव देखा जा सकता हैं.
मेनोपॉज का सही उम्र
बता दें कि मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते है. जिनमें से एक है पीरियड्स का पीरियड्स इरेगुलर होना. जानकारी के मुताबिक कई महिलाओं में इस समय ज्यादा ब्लीडिंग होने की प्रॉब्लम होती है. कहा जाता है कि मेनोपॉज के समय में महिलाओं के कई सारे हार्मोन्स में बदलाव होता है, जिसकी वजह से पीरियड्स अनियमित होने लगते है. ये लक्षण हर महिलाओं में अलग-अलग हो सकते है. ये आपके हार्मोन्स पर निर्भर करता है. क्योंकि कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के समय बहुत सामान्य सा पीरियड्स आता है, तो किसी को हैवी ब्लीडिंग होती है.
गंभीर बीमारी का संकेत
डॉक्टर्स के मुताबिक मेनोपॉज के दौरान यदि ब्लीडिंग अचानक से बढ़ जाए या फिर ये एक हफ्ते से ज्यादा रहे, तो इसे इग्नोर करने की भूल न करें. बता दें कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें. क्योंकि कई बार हैवी ब्लीडिंग किसी गंभीर बीमारी की समस्या हो सकती है. सही समय पर सही उपचार मिलने से इसे शुरुआती स्टेज में ही रोका जा सकता है. मेनोपॉज के दौरान अपनी डाइट का ध्यान रखें साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करें और किसी बात का स्ट्रेस न लें. इससे आपके सेहत में सुधार हो सकती है.
पीरियड्स इरेगुलर होना: मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में पीरियड्स का इरेगुलर होना आम बात है. कई बार ये समय से पहले आ जाते है, या फिर लेट भी आता है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
अधिक पसीना आना: कई महिलाओं को रात के समय में अचानक से पसीना आने लगता है. इसका असर उनके नींद पर पड़ता है.
नींद की समस्या: मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को नींद कम आती है. इससे उनमें चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
वजन बढ़ना: कई बार मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में वजन बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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