Govinda Injured From Bullet: बॉलीवुड एक्टर गोविंदा के पैर में गोली लगने के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर तमाम खबरें चल रही हैं. हालांकि गोविंदा को समय पर इलाज मिलने के कारण उनकी स्थिति पहले से बेहतर है. बता दें कि गोविंदा अपनी लाइसेंस रिवॉल्वर को चेक कर रहे थे तभी ये हादसा हो गया. क्या आपको पता है पैर में गोली लगना कितना खतरनाक होता है? या फिर इंसान के शरीर में कहां बुलेट घुसने से उसकी मौत भी हो सकती है. चलिए बताता हैं इसके बारे में.
पैर में गोली लगना कम खतरनाक (How dangerous is it to get shot in the leg)
आपने अक्सर फिल्मों में देखा होगा कि किसी चोर को पकड़ते वक्त पुलिस उसके पैर में गोली मारती है ताकि वो पकड़ा भी जाए और उसकी जान भी न जाए. लेकिन पता है ऐसा वो क्यों करते हैं? क्योंकि शरीर के किसी भी हिस्से में गोली लगे वह खतरनाक ही होता है. लेकिन शरीर के कुछ हिस्से ऐसे होते हैं जहां गोली लगना कम खतरनाक होता है. पैर भी शरीर का वही हिस्सा है. जहां अगर गोली लगे तो जान जाने का जोखिम कम होता है.
क्या पैर में गोली लगने से हो सकती हैं मौत (Can a bullet in the leg cause death)
कई लोगों के मन में सवाल होता है कि कि क्या पैर में गोली लगने से मौत हो सकती हैं ? चिकित्सकों के अनुसार पैर में गोली लगने से पैर के सॉफ्ट टिशु को काफी नुकसान होता है. हालांकि यह डिपेंड करता है गोली कितनी दूरी से मारी गई है. हां अगर गोली लगने के बाद किसी का खून ज्यादा बह गया है. या फिर बारूद का इंफेक्शन बहुत ज्यादा फैल गया हो तो फिर ऐसी स्थिति में मौत भी हो सकती है. इलाज मिलने में जितनी देर होती है उतना ही जख्म खतरनाक हो सकता है.
इन जगहों पर गोली लगने से होती है मौत (Where in the body does a bullet cause death)
हमारे शरीर के कुछ हिस्से बहुत ज्यादा सेंसेटिव होते हैं. अगर गलती से भी यहां गोली लग जाए तो किसी की भी मौत हो सकती है. शरीर में दो तरह के अंग होते हैं एक नॉन वाइटल और दूसरे वाइटल. वाइटल अंग की बात की जाए तो इनमें दिल, दिमाग, किडनी और लीवर जैसे अंग होते हैं. इनमें गोली लगना काफी खतरनाक होता है. लेकिन वहीं अगर किसी के दिल या फिर दिमाग में गोली मार दी गई तो उस शख्स की तुरंत ही मौत हो सकती है. दिल और दिमाग शरीर के दो सबसे ज्यादा सेंसिटिव अंग होते हैं. यहां बुलेट लगना सबसे ज्यादा खतरनाक होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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