Divorce Rate: भारत में शादी को 7 जन्मों का रिश्ता माना जाता है. वहीं भारत में ऐसी मान्यता है कि जो लोगों की जोड़ी होती है, वो भगवान बनाता है. वहीं हिंदू धर्म में इंसान के जन्म से लेकर उसके मरने तक 16 संस्कारों के बारे में बताया है. जिसमें से एक शादी भी है. हिंदू धर्म में शादी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. लेकिन फेरे के चक्कर में काफी लोग कब फंदे में बंद जाएं, पता नहीं चलता है. हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत अलग अलग होते है और इसके प्रोसेस भी अलग होते है. वहीं भले ही इंडिया डिवोर्स रेट वेस्टर्न कंट्रीज के मुकाबले काफी कम है, लेकिन पिछले एक दो दशकों से तलाक के मामलों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. आइए आपको बताते है कि आखिर भारत में क्यों बढ़ रहे है इतने डिवोर्स के मामले क्या है इसके पिछे का कारण.
क्या कहता है कानून
भारत में तलाक 2 तरह से लिया जा सकता है -
आपसी सहमति से (सेक्शन 13B हिंदू मैरिज ऐक्ट 1955)
जहां पति-पत्नी में से एक पक्ष ही तलाक लेना चाहता है (सेक्शन 13 हिंदू मैरिज ऐक्ट 1955)
तलाक के बढ़ते मामले की वजह
इगो प्रॉब्लम्स
इन दिनों हस्बैंड वाइफ में इगो की प्राब्लम काफी ज्यादा बढ़ रही है. वहीं रिश्ते में एक इंसान अगर गुस्सा है, तो दूसरे को शांत रहना चाहिए है. इगो की वजह से भी तलाक ज्यादा होता है.
बिजी लाइफस्टाइल
इन दिनों हर कोई अपनी लाइफ में बिजी है. जिसकी वजह से लोगों के बीच कम्यूनिकेशन गैप हो जाता है. वहीं अगर दोनों लोग वर्किंग है, तो दोनों की टाइमिंग भी तलाक की वजह बन जाती है.
सोच में बदलाव
पहले अगर कोई तलाक के लिए बोलता था, तो लोग उस बात के बहुत खिलाफ होते थे. लेकिन धीरे धीरे लोग इसको अपना रहे है.
लव मैरिज
वहीं तलाक का एक मेन रिजन लव मैरिज भी है. पहले के टाइम में घर वालें शादी करवाते थे. लेकिन इन दिनों लोग लव मैरिज करते है. वहीं इन दिनों तलाक ज्यादातर लव मैरिज में होते है.