Firecracker Side Effects: दीपोत्सव का त्योहार नजदीक है. हर कोई दीपावली को लेकर उत्साहित नजह आ रहा है. दीवाली का त्योहार यानी रोशनी और खुशियों का त्योहार. इस दिन लोग घरों में दीप जलाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं, रंगोली बनाते हैं और तरह-तरह की मिठाइयां खाते हैं और खुशियां मनाते हैं. इसी त्योहार में कई लोग पटाखे भी जलाते हैं. घरों में बच्चों से लेकर बड़े तक पटाखे चलाते नजर आ जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि पटाखों से निकलने वाला धुआं न तो आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है और न ही पर्यावरण के लिए. पटाखे का धुआं (Firecracker Side Effects) बच्चों की आंखों के लिए बहुत नुकसानदेह होता है. ये आपके बच्चे की आंखों की रोशनी तक छिन सकता है. इसी लिए आप अभी से सावधान हो जाइए. आइए जानते हैं कैसे पटाखे का धुआं पहुंचा सकता है बच्चों की आंखों को नुकसान.
पटाखों के क्या होता है नुकसान?
पटाखों से होने वाला प्रदूषण से बच्चों की आंखों में नुकसान हो सकता है. पटाखों से जो धुआं निकलता है उसमें कई हानिकारक केमिकल होते हैं. जिनसे बच्चों की आंखों में जलन हो सकती है. ये दर्द का कारण बन सकते हैं और काफी नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. जब बच्चे इस धुएं के संपर्क में आते हैं, तो छोटे-छोटे कण उनकी आंखों में जा सकते हैं, जिससे रेडनेस, खुजली और आंखों में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.
बच्चों की सेहत के लिए क्यों खतरनाक हैं पटाखे?
पटाखे से निकलने वाला धुआं बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक होता है. बच्चों की इम्युनिटी अभी विकसित हो रही होती है. पटाखों के धुएं में पाए जाने वाले हानिकारक तत्व जैसे लेड और बेरियम एलर्जी पैदा कर सकते हैं और कॉर्निया (आंख का पारदर्शी हिस्सा जो देखने के लिए जरूरी है) को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. लंबे समय तक धुएं के संपर्क में रहने से आंखों में लगातार सूखापन की समस्या हो सकती है, जो देखने में कठिनाई और आंखों को और भी कई नुकसान पहुंच सकते हैं.
क्या पटाखे की वजह से अंधे हो सकते हैं?
पटाखों के धुएं में प्रदूषक होते हैं. ये बच्चों में अस्थायी अंधेपन और रोशनी के प्रति सेंसिटिविटी बढ़ा सकते हैं, जिससे बाहर खेलना और अन्य एक्टिविटीज में शामिल होना मुश्किल हो सकता है. इसके साथ ही, प्रदूषित वातावरण में कंजक्टिवाइटिस का खतरा भी बढ़ जाता है, जो बच्चों में तेजी से फैल सकता है.
आंखों में हो सकती है गंभीर समस्या
पटाखों के धुएं का खतरा यहीं खत्म नहीं होता. इस प्रकार के प्रदूषण का नियमित संपर्क आंखों में गंभीर और क्रॉनिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे मोतियाबिंद, जो समय के साथ आंखों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे बच्चों को इन खतरों से बचाने के लिए कदम उठाएं.
बच्चों को पटाखों के धुएं से ऐसे बचाएं
बच्चों को पटाखों के धुएं से दूर रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि उनकी आंखें विशेष रूप से संवेदनशील होती हैं और हानिकारक धुएं और गैसों से स्थायी नुकसान हो सकता है. इसलिए कोशिश करें कि पटाखे बिल्कुल न जलाएं, लेकिन अगर आपके आस-पास के लोग पटाखे जला रहे हैं, तो वहां से बच्चों को बिल्कुल दूर रखें और आप खुद भी वहां से दूर रहें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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