Asexuality: आज के समय में भी लोग फिजिकल रिलेशन को लेकर खुलकर बात करने के कतराते हैं. कई तरह की ऐसी कंडीशन होती हैं जिन्हें लोग बीमारी समझ लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं होता है. कुछ व्यक्तियों में यौन आकर्षण या रुचि का स्तर बहुत कम होता है. एसेक्सुअलिटी भी इसी तरह की एक यौन संबंधित स्थिति है. यह एक तरह का सेक्सुअल ओरियंटेशन है, जिसमें व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति के प्रति सेक्सुअल अट्रेक्शन नहीं होता है. या फिर यौन गतिविधियों में उसकी दिलचस्पी न के बराबर होती है. यह न ही किसी तरह का डिसऑर्डर है और न ही कोई बीमारी जिसे दवा या काउंसलिंग से ठीक किया जा सके. आइए जानते हैं एक्सपर्ट से इसके बारे में.
सेक्सुअल नीड नहीं होती महसूस
जो लोग एसेक्सुअलिटी प्रकृति के होते हैं वो अन्य लोगों के काफी अलग नहीं होते हैं. वह दूसरे लोगों की तरह ही इमोशनल, रोमांटिक और इंटीमेट कनेक्शन बनाते हैं. बस उन्हें किसी तरह का शारीरिक आकर्षण या सेक्सुअल नीड महसूस नहीं होती है.
बीमारी नहीं है एसेक्सुअलिटी
मेडिकल में एसेक्सुअलिटी को कोई बीमारी नहीं माना जाता है. इसके लिए किसी उपचार की जरुरत नहीं होती है. यह ध्यान देने योग्य है कि अलैंगिकता के भीतर एक स्पेक्ट्रम हो सकता है, और जिसके कारण कुछ व्यक्तियों को उनके यौन आकर्षण या रुचि के स्तर में भिन्नता का अनुभव होता है.
रिस्पेक्ट और सपोर्ट करें
ऐसे व्यक्तियों के साथ आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इनको समान रिस्पेक्ट और सपोर्ट करना चाहिए. यह ध्यान देने योग्य है कि अलैंगिकता के भीतर एक स्पेक्ट्रम हो सकता है, और जिसके कारण कुछ व्यक्तियों को उनके यौन आकर्षण या रुचि के स्तर में भिन्नता का अनुभव होता है.
मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से करें बात
एक्सपर्ट के मुताबिक यदि कोई इंसान अपनी सेक्सुअल आइडेंटिटी को लेकर परेशान या चिंतित है, तो उसे मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से सहायता प्राप्त करने से लाभ हो सकता है. लेकिन यह जरूर पता कर लें कि वह अलैंगिकता के बारे में जानकार हो.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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