Helicopter Parenting: हर पैरेंट्स अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देना चाहते हैं. इसके लिए माता-पिता बच्चों के जन्म से उनके ऊपर ध्यान देने लगते हैं. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ बच्चों को उनकी लाइफ में अपने माता-पिता का हस्तक्षेप करना अच्छा नहीं लगता. कई बार बच्चों की लाइफ में माता-पिता का हस्तक्षेप इतना बढ़ जाता हैं कि ये आपके बच्चे पर बुरा असर डालती है. ऐसे में क्या आपने सुना है कि हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग क्या है और ये चर्चा में क्यों हैं?
क्या है हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग?
हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग की बात करें तो ये उन पैरेंट्स के लिए हैं जो माता-पिता अपने बच्चों के जीवन में जरूरत से ज्यादा दखलंदाजी करते हैं. वे अपने बच्चों की हर छोटी-बड़ी बात पर नजर रखते हैं. कई बार तो ये हस्तक्षेप इतना बढ़ जाता है कि माता-पिता अपने बच्चों के सभी डिसीजन बिना अपने बच्चों से परामर्श करे लेने लगते हैं. ऐसे में पैरेंट्स की ये हरकतें उनके बच्चों पर सीधा असर डालते हैं. ऐसे में बच्चा सोचने लगता है कि उनके पैरेंट्स उन्हें बाहरी दुनिया से बचाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर माता-पिता अपने बच्चे के जीवन में जरूरत से ज्यादा दखस देते हैं, तो इसका मतलब है कि वे हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग कर रहे हैं, जिसका आगे चलकर बुरा असर उनके बच्चों पर पड़ सकता है.
बच्चों का होता है कॉन्फिडेंस डाउन
कई बार हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग की वजह से बच्चों का कॉन्फिडेंस डाउन होने लगता है और आगे चलकर इन बच्चों को काफी समस्याएं आती है. बता दें कि ये बच्चे आगे चलकर जीवन भर पूरी तरह से अपने पैरेंट्स पर निर्भर रहते हैं. यही नहीं किसी भी परेशानी में पढ़ने पर वह उस समस्या का हल नहीं निकाल पाता है. ऐसे में कई कई बार बच्चा तनाव और प्रेशर का शिकार होने लगता है. लेकिन आज के समय में हर बच्चा आत्मनिर्भर बनना चाहता है, अपने जीवन के सारे फैसले खुद लेना चाहता. आज के समय में बच्चों को हर छोटी-बड़ी चीजों के बारे में जानकारी होने बेहद जरूरी है. ताकि जरूरत पड़ने पर बच्चा अपना सही-गलत जान सके.
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