Junk Food Side Effects: आजकल की तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और व्यस्त दिनचर्या के कारण लोगों के लिए बाहर का जंक फूड ही कई बार ऑप्शन रह जाता है. ये खाने में तो स्वादिष्ट और आकर्षक दिखने दिखते हैं, लेकिन हमारे सेहत को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जंक फूड किसी जहर से कम नहीं है.और इसे अपनी डायट से हटाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है. बता दें कि जंक फूड में उच्च मात्रा में शुगर, नमक और फैट होता है, जो दिल की बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर, और डायबिटीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. इसके अलावा, इसमें प्रिजर्वेटिव्स और आर्टिफिशियल फ्लेवर्स की भरपूर मात्रा में होती है, जो हमारे शरीर को लंबे समय में नुकसान पहुंचाते हैं.
कई बीमारियों का घर है जंक फूड
मोटापा और अन्य समस्याएं: जंक फूड के अधिक और लगातार सेवन से मोटापा एक प्रमुख समस्या बन गई है. मोटापा केवल एक कॉस्मेटिक मुद्दा नहीं है, ये हृदय रोग, स्ट्रोक, और अन्य बीमारियों का भी कारण बन सकता है. इसके अलावा, जंक फूड से दांतों की समस्या, स्किन की समस्याएं और मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. डॉक्टरों और डायटीशियन की मानें तो जंक फूड से दूरी बनाना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. उनका कहना है कि हमें हेल्दी डाइट पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों. इसके अलावा, नियमित व्यायाम भी एक स्वस्थ जीवनशैली का अहम हिस्सा है.
जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
यदि आप अपनी सेहत को स्वस्थ रखना चाहते हैं और स्वास्थ्य समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो आज से ही जंक फूड से दूरी बना लें. इसकी जगह, स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट को अपनाएं. जंक फूड भले ही खाने में स्वादिष्ट लगता है, लेकिन इसके संभावित खतरनाक प्रभावों को नकारा नहीं जा सकता. अपनी सेहत के प्रति सजग रहना और हेल्दी डाइट का सेवन करना सबसे अच्छा विकल्प है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड्स जो जंक फूड्स का ही हिस्सा हैं, फाइटेट्स, ऑक्सालेट्स और लेक्टिन से भरपूर होते हैं. ये शरीर को जिंक, आयरन और कैल्शियम जैसे मिनरल्स को अवशोषित होने में बाधा बन सकते हैं. इनमें ऐसे अनहेल्दी फैट्स पाए जाते हैं, जो विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन K को सही तरह एब्जॉर्ब नहीं होने देते हैं. जिससे हमारे शरीर में पोषक तत्वों यानी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी होने लगती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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