अक्सर बच्चे अपने आस पास जो देखते हैं वही सीखते हैं. परिवार का मोहाल, दोस्तों की संगीति, आस पड़ोस का बात करना ये सब बच्चों पर बहुत असर डालता है. वहीं बड़ों की कुछ बुरी आदतों को बच्चे कॉपी करने से भी पीछे नहीं हटते हैं. ऐसे में अगर बच्चे अपने आस-पास अपशब्द और गालियां सुनते हैं, तो उन्हें भी सीखकर दोहराना शुरू कर देते हैं. इसलिए बच्चो की हमेशा संगीति का ध्यान रखना चाहिए ख़ास कर बचपन में. क्योंकि बचपन में बच्चों की संगीति ख़ास कर बिगड़ने की स्थिति रहती है.
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दरअसल, छोटी उम्र के बच्चे काफी नासमझ होते हैं. उन्हें नहीं समज आता कि ये गलत है या सही. इसलिए उन्हें जो अच्छा लगता है वो वही करते हैं. इसलिए अगर आपका बच्चा भी गाली दे रहा है या उसका बात करने का स्टाइल बदल गया है तो कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखें. इससे आप अपने बच्चों को सही शिक्षा दे सकते हैं.
बच्चों के सामने ना बोलें अपशब्द
बच्चे अक्सर पैरेंट्स और घर के बाकी सदस्यों की नकल उतारने की कोशिश करते हैं. इसलिए बच्चों के सामने कभी भूलकर भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने से बचें. गुस्से में भी गाली देने या कुछ गलत बोलने के पहले ये जानलें कि आस पास बच्चे न रहे. घर में कोई झगड़ा हो तो बच्चों के सामने न करें.
शांति से समझाएं
जब भी बच्चे कुछ ऐसा करें या गाली दें तो उन्हें मारे या डांटे नहीं. बल्कि प्यार से समझाएं. प्यार से उन्हें समझाएं कि ये आदत गलत है और इन्हे ऐसा नहीं करना चाहिए. हालांकि, कुछ बच्चे काफी जिद्दी स्वभाव के होते हैं. और जब भी गुस्सा हो तो उन्हें अकेला छोड़ दें. जब उनका गुस्सा शांत हो जाये तो उन्हें प्यार से बैठकर समझाएं.
अच्छे-बुरे में बताएं फर्क
बच्चे किसी से भी बेहद जल्दी घुल-मिल जाते हैं. इसलिए बच्चों को समय-समय पर अच्छे और बुरे लोगों में फर्क करना सिखाएं. बच्चे को बुरे लोगों के साथ रहने के नुक्सान बताएं अच्छे लोगों के साथ रहने के फायदे बताएं.
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Source : News Nation Bureau