Keratin Treatment: ब्यूटी इनहेंस करने के लिए आजकल मार्केट में कई तरह के ट्रीटमेंट आ चुके हैं. किसी भी केमिकल से किया जाने वाला ट्रीटमेंट पूरी तरह सही या गलत नहीं हो सकता. सबके अपने फायदे और नुकसान हैं. इनमें से एक है केराटिन ट्रीटमेंट (Keratin Treatment). ये आजकल महिलाओं द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ट्रीटमेंट बन चुका है. लहराते-चमकते काले बाल भला किसे पसंद नहीं होते हैं. जितने खूबसूरत बाल होंगे, उतनी ही आपकी पर्सनैलिटी निखर कर आएगी. आज के दौर में खूबसूरत बालों के लिए केराटिन ट्रीटमेंट कराना आम हो गया है. घुंघराले बालों से छुटकारा और रेशमी स्ट्रेट बाल पाने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं इस ओर आकर्षित हो रही है. इन सबके बीच इस ट्रीटमेंट को लेकर एक हैरान करने वाली बात सामने आई है. हाल ही में प्रकाशित हुए एक रिसर्च के मुताबिक केराटिन ट्रीटमेंट से किडनी खराब होने की बात सामने आई है.
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
हाल ही में पब्लिश हुई दी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक रिपोर्ट के मुताबिक केराटिन बेस्ड हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स में ग्लाइऑक्सिलिक एसिड पाया जाता है. ऐसे में जब अपने बालों पर इन प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं तो ग्लाइऑक्सिलिक एसिड ऑक्सालेट क्रिस्टल में तब्दील होने लगता है. इससे एक्यूट किडनी इंजरी का खतरा बढ़ जाता है.
ब्लड में घुल जाता है ये एसिड
केराटिन ट्रीटमेंट के दौरान यूज होने वाले हेयर प्रोडक्ट का स्वास्थ पर नकारात्मक असर पड़ता है. पहले केराटिन बेस्ड हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स में फॉर्मेल्डिहाइड होता था. इसका बालों, आंखों और त्वचा पर प्रतिकूल यानी बुरा प्रभाव देखा गया था. हालांकि, आगे चलकर फॉर्मेल्डिहाइड को ग्लाइकोलिक एसिड से बदल दिया गया था. ग्लाइकोलिक एसिड सेहत के लिए सही नहीं है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब ग्लाइकोलिक एसिड मेटाबोलाइज होता है तो यह ग्लाइऑक्सिलिक एसिड बन जाता है और अंत में ऑक्सालेट बनाता है. यह किडनी को नुकसान पहुंचाता है. दरअसल ग्लाइकोलिक एसिड ब्लड में घुल जाता है और ऑक्सालेट में तब्दील हो जाता है. इसके चलते किडनी खराब हो सकती है.
26 रोगियों की कराई किडनी बायोप्सी
इसी तरह की एक ओर रिसर्च अमेरिकन जर्नल ऑफ किडनी डिजीज में पब्लिश हुई थी. रिसर्चर्स ने इजरायल में कुल 26 ऐसे रोगियों की पहचान की थी जिन्होंने बालों को सीधा कराने के लिए केराटिन बेस्ड हेयर स्ट्रेटनिंग का यूज किया था. इन लोगों में गंभीर एक्यूट किडनी इंजरी का मामला सामने आया. अध्ययन के मुताबिक,इनमें से सात मरीजों की किडनी बायोप्सी की गई, जिसमें से 6 में ट्यूबुलर कैल्शियम ऑक्सालेट जमाव और 1 के ट्यूबलर सेल्स में माइक्रोकैल्सीफिकेशन पाया गया.
ये लक्षण दिखने पर हो जाएं सावधान
शरीर में फॉर्मेल्डिहाइड के प्रवेश करने से आंखों में जलन, त्वचा में खुजली और उल्टी जैसी तकलीफ देखने मिलती है. इसके अलावा अगर यह शरीर में ज्यादा मात्रा में बढ़ जाती है तो भी किडनी, ब्रेन और फेफड़ों के लिये खतरनाक साबित हो सकती है.
बाल झड़ने की बढ़ सकती है समस्या
इस ट्रीटमेंट के बाद बाल झड़ने की समस्या बढ़ सकती है. इसके बाद आप अपने हिसाब से हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. यह बालों को इतना स्ट्रेट कर देता है कि बालों से वॉल्यूम तो मानो गायब ही हो जाती है. इसलिए इस ट्रीटमेंट का सिमित रूप से ही इस्तेमाल करें. केराटिन ट्रीटमेंट करवाने से पहले प्रोडक्ट के बारे में रिसर्च करें. कम फॉर्मेल्डिहाइड की मात्रा वाले प्रोडक्ट इस्तेमाल में लाए.
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
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Source : News Nation Bureau