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Ear Piercing क्या है, जानें इसके फायदे और नुकसान

कान के छेदने के प्रक्रिया में संक्रमण का खतरा होता है, जो दर्द, सूजन और इन्फेक्शन का कारण बन सकता है.

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Kalpana Sheetal
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what is Ear Piercing

what is Ear Piercing( Photo Credit : Social Media)

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Ear Piercing: कान के छेदने, जिसे "Ear Piercing" भी कहा जाता है, एक प्राचीन और प्रसिद्ध सौंदर्य प्रथा है जिसमें कान के कार्टिलेज को छेदकर सुलभता से सोने, चांदी या किसी अन्य प्रेमियम धातु के बालियाँ पहनने का आकर्षण किया जाता है। यह अभिव्यक्ति और संवेदनशीलता का एक रूप होता है जो व्यक्ति के स्वभाविक रूप से स्वीकार्य होता है। छेदने की प्रक्रिया शारीरिक और मानसिक तौर पर व्यक्ति को संतुष्टि प्रदान करती है और व्यक्ति की स्वाधीनता को बढ़ाती है। इसके अतिरिक्त, कुछ समुदायों में, विवाह, शुभ मुहूर्त और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान यह प्रथा महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक संदेश भी प्रदान करती है। कान के छेदने की प्रक्रिया साधारणतः किसी स्थानीय कान के छेदने स्थल पर एक विशेषज्ञ द्वारा की जाती है, जो स्वास्थ्य और सुरक्षा के ध्यान में रखते हुए एक छोटी नींबू या सैनिटाइज़ किया गया स्टील नीडल का उपयोग करता है। उसके बाद, बाली या छाली का उपयोग करके कान में छेदने के लिए एक छोटी धागा या सूती तार डाल दिया जाता है।

Ear Piercing के फायदे:

सांस्कृतिक महत्व: कुछ समुदायों में यह धार्मिक संदेश का प्रतीक होता है और उनके सांस्कृतिक आयोजनों में महत्वपूर्ण होता है.

स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: कान के छेदने से सुन्ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे कुछ व्यक्ति की सुनाई अच्छी होती है.

शारीरिक और मानसिक संतुष्टि: कुछ लोगों के लिए इसे शारीरिक और मानसिक संतुष्टि प्रदान करने का माध्यम माना जाता है.

आभासी सौंदर्य: अलंकरण के रूप में इसका उपयोग किया जाता है, जो व्यक्ति के चेहरे को अधिक आकर्षक बनाता है.

Ear Piercing के नुकसान:

संक्रमण का खतरा: कान के छेदने के प्रक्रिया में संक्रमण का खतरा होता है, जो दर्द, सूजन और इन्फेक्शन का कारण बन सकता है.

अस्थिरता: कुछ लोगों को कान के छेदने के बाद अस्थिरता या चक्कर आने की समस्या हो सकती है.

छेदने का दर्द: प्रक्रिया में छेदने के समय कुछ लोगों को दर्द महसूस हो सकता है.

रुखापन: कुछ मामलों में, अगर कान के छेदने का स्थान सही नहीं हो, तो इससे कान का रुखापन भी हो सकता है.

कान छिदवाते समय ध्यान रखें ये बातें 

स्थान का चयन: समर्थित और पेशेवर कारीगर के पास जाएं और सुनिश्चित करें कि छेदने का स्थान स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित है.

साफ़ सफाई: सुनिश्चित करें कि कारीगर के हाथ साफ़ हों और सांड या नीडल स्टरील हैं.

छेदने की प्रक्रिया: सुनिश्चित करें कि छेदने का उपकरण ध्यानपूर्वक साफ़ और स्टरील है, और प्रक्रिया विशेषज्ञ की देखरेख में हो.

सहायता लें: जरूरी होने पर, किसी विशेषज्ञ की मदद लें, खासकर यदि आपको किसी छोटी या बड़ी समस्या का सामना हो.

समय पर बाली पहनें: परिस्थितियों को देखते हुए, छेदने के बाद तुरंत बाली पहन लें, ताकि किसी इन्फेक्शन का खतरा कम हो.

सही देखभाल: छेदने के बाद सही देखभाल करें, जैसे कि स्वास्थ्यपूर्ण समय पर बाली को साफ़ करें और सुनिश्चित करें कि वह सही ढंग से ठीक हो रही है.

Source : News Nation Bureau

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