History Of Lipstick: लिपस्टिक, जो आज हमारे ब्यूटी प्रोडक्ट का एक अहम हिस्सा है, का इतिहास हजारों साल पुराना है. यह सिर्फ होठों को रंगने का साधन नहीं रहा, बल्कि सदियों से बदलते सामाजिक मानदंडों, लैंगिक भूमिकाओं और सौंदर्य की अवधारणाओं का प्रतिबिंब रहा है. लिपस्टिक तो हर महिला, हर उम्र में लगाती है. आउटफिट के कलर से मैच करती हुई लिपस्टिक का ट्रेंड सबसे पॉपुलर है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लिपस्टिक का इतिहास क्या है. किसने और कैसे इसकी शुरुआत की. सबसे पहले लिपस्टिक किसने, कब और कैसे लगायी. क्या सदियों पहले भी लिपस्टिक केमिकल से बनती थी, अगर नहीं तो फिर इसके इतिहास की हर परत दर परत आइए खंगालते हैं.
प्राचीन काल
3500 ईसा पूर्व मेसोपोटामिया में, लैपिस लाजुली और मैलाकाइट जैसे रत्नों को पीसकर लिप कलर बनाया जाता था. प्राचीन मिस्र कीरानी नेफर्टिटी लाल रंग के होंठों पसंद करती थीं, जो वे कारमाइन (cochineal insects) से प्राप्त करती थीं. प्राचीन में ग्रीस की वेश्याओं को लिपस्टिक लगाने की अनुमति थी, ताकि उन्हें सम्मानित महिलाओं से अलग किया जा सके. प्राचीन रोम की बात करें तो अभिजात वर्ग लिपस्टिक का इस्तेमाल करता था, लेकिन ईसाई धर्म के आगमन के साथ इसे अनैतिक माना जाने लगा.
मध्य युग
लिपस्टिक का इस्तेमाल कम हो गया, क्योंकि इसे व्यर्थता और शैतान के साथ जोड़ा जाता था. कुछ महिलाओं ने गुलाब की पंखुड़ियों या चुकंदर के रस से अपने होंठों को रंगा.
पुनर्जागरण
16वीं शताब्दी में, लिपस्टिक का फिर से इस्तेमाल होने लगा, खासकर इटली और फ्रांस में. रानी एलिजाबेथ प्रथम सफेद लिपस्टिक की शौकीन थीं, जो सीसे और मोम से बनी थी.
19वीं शताब्दी
औद्योगिक क्रांति के साथ, लिपस्टिक का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हुआ. 1884 में, Maurice Levy ने पहला swivel-up लिपस्टिक ट्यूब बनाया.
20वीं शताब्दी
लिपस्टिक महिला सशक्तिकरण और आत्म-अभिव्यक्ति का प्रतीक बन गया. 1920 के दशक में, "फ्लैपर्स" ने बोल्ड लिप कलर्स का इस्तेमाल किया, जैसे कि लाल और नारंगी. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, लिपस्टिक "morale booster" के रूप में लोकप्रिय हुआ. 1960 के दशक में, मैट, क्रीम और लिक्विड लिपस्टिक सहित विभिन्न प्रकार के फॉर्मूले पेश किए गए.
21वीं शताब्दी
आज, लिपस्टिक रंगों, खत्म और बनावटों की एक विस्तृत श्रृंखला में उपलब्ध है. यह सिर्फ महिलाओं तक ही सीमित नहीं रहा, पुरुष भी लिपस्टिक का इस्तेमाल करते हैं. लिपस्टिक अब सिर्फ सौंदर्य प्रसाधन से अधिक है, यह आत्म-अभिव्यक्ति और व्यक्तिगत शैली का एक साधन बन गया है.
लिपस्टिक का इस्तेमाल सदियों से पुरुषों द्वारा भी किया जाता रहा है. 1953 में, पहली लिप ग्लॉस पेश की गई थी. 1990 के दशक में, "ब्लू लिपस्टिक" का चलन आया. आज, लिपस्टिक का वैश्विक बाजार अरबों डॉलर का है. लिपस्टिक का इतिहास हमें दर्शाता है कि कैसे सौंदर्य मानदंड और सामाजिक रीति-रिवाज समय के साथ बदलते रहते हैं. यह एक ऐसा उत्पाद है जिसने सदियों से लोगों को मोहित और प्रेरित किया है.
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Source : News Nation Bureau