कैंसर (Cancer) . इस बीमारी का नाम सुनते ही लोग सिहर जाते हैं. कैंसर (Cancer) से खौफ की सबसे बड़ी वज इसका देर से पता चलना, जान बचना और इलाज में कंगाल हो जाना. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 30 से 35 प्रतिशत कैंसर (Cancer) का इलाज पूरी तरह संभव है, लेकिन इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में 0 से 19 साल तक के लोगों में हर साल कैंसर (Cancer) के 3 लाख नए केस आ रहे हैं. 2018 में दुनिया भर के करीब 96 लाख लोगों को कैंसर ने निगल लिया. WHO की रिपोर्ट बताती है कि 2010 में दुनिया भर में 1.6 ट्रिलियन यूएस डालर यानी 11,47,49,60,00,00,000 रुपये की इकॉनमी कैंसर की भेंट चढ़ गई.
ऐसा नहीं है इस बीमारी से बचा नहीं जा सकता. अगर हम थोड़े से चेंज अपने लाइफस्टाइल में कर लें तो आज दुनिया में 200 से भी ज्यादा प्रकार के कैंसर से बच सकते हैं. एक रिसर्च के मुताबिक कैंसर के मरीजों में बढोतरी जीवनशैली में आया बदलाव है. अगर अपनी कुछ आदतें बदल लें, तो वह कैंसर के खतरे को रोक सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कौन सी हैं वो आदतें.
केमिकल और कीटनाशक वाले अनाज से तौबा
पेस्टिसाइड्स के प्रयोग से उगने वाले अनाज और सब्जियां खाना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे अनाज और सब्जियां आपको कैंसर का मरीज बना सकती हैं. इनमें कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं. ग्लाइफोसेट एक ऐसा ही केमिकल है, जो पौधों के कीड़े मारने के काम आता है. ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल शरीर में कैंसर को बढ़ावा दे सकता है. यानी अब समय आ गया है कि आप ऑर्गेनिक फलों, सब्जियों और अनाजों का की सेवन करें.
फ्राई या ग्रिल कर मीट खाना, कैंसर को दावत
अगर आप मांसाहारी हैं और मीट को बहुत अधिक तापमान पर पकाकर खाते हैं तो सावधान हो जाएं. मीट को फ्राई या ग्रिल करके खाने से कैंसर का खतरा बढ़ा जाता है. क्योंकि अधिक तापमान पर पकाए गए मीट में हेट्रोसाइक्लिक एमाइन्स (HCAs) और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (PAHs) की मात्रा काफी बढ़ जाती है. ऐसे केमिकल्स कैंसर को बढ़ावा देते हैं.
वेंटिलेशन भरपूर तो कैंसर रहेगा दूर
फेफड़ों और मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण स्मोकिंग तो है ही लेकिन इसका दूसरा सबसे आम कारण रेडॉन है. रेडॉन एक ऐसी गैस है जो कैंसर का कारक है. रेडॉन गैस वहां ज्यादा बनती है जहां घर बनाते समय यूरेनियम, थोरियम या रेडियम का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है. ऐसे मकानों की दीवारों और छतों से रेडॉन गैस धीरे-धीरे रिसती रहती है. इसका खतरा उन घरों में ज्यादा होता है, जहां हवा के निकलने के लिए वेंटिलेशन नहीं होती है.
रेडॉन आपके फेफड़ों में पहुंच जाती है और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकती है. अगर घर में किसी दीवार से पानी रिस रहा है, दीवार फट गई है या प्लास्टर आदि उखड़ गया है, तो इसकी मरम्मत जरूर करवाएं और घर में वेंटिलेशन के लिए खिड़की और दरवाजे सही जगह लगवाएं.
शराब को कहें ना
शराब पीने से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. अल्कोहल की ज्यादा मात्रा या लंबे समय तक थोड़ी-थोड़ी मात्रा के कारण कई तरह के कैंसर हो सकते हैं, जैसे- हेपाटोसेल्युलर कार्सिनोमा, एसोफेगल, ब्रेस्ट और आंतों का कैंसर. इसलिए सेहत के लिहाज से अच्छा यही है कि आप शराब का सेवन बिल्कुल बंद कर दें.
सनस्क्रीन से त्वचा कैंसर को रखें दूर
धूप की अल्ट्रावॉयलेट यानी पराबैगनी किरणें त्वचा के कैंसर का कारण बन सकती हैं. अगर आपको बहुत देर तक धूप में रहना पड़ता है, तो आपको त्वचा पर सनस्क्रीन जरूर लगाना चाहिए. गर्मियों में ही नहीं, सर्दियों की हल्की धूप में भी त्वचा के कैंसर से बचने के लिए आप सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें. विटामिन डी के लिए सुबह की हल्की धूप बेहतर होती है.
हेल्दी डाइट करेगा कैंसर से फाइट
कैंसर को रोकने में प्रभावी रूप से बंद गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली, बीन्स, केल (Kale), मूली, गाजर और टमाटर. सब्जियों में कैरोटेनॉइड्स, विटामिन्स और फाइबर के अलावा ग्लूकोसाइनोलेट्स (glucosinolates)फायदेमंद हैं. फलों और सब्जियों में ऐसे ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आपके शरीर को कैंसर से बचाते हैं.
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Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो