भारत के हर राज्य का खान-पान (Indian Cuisine) अलग और बेहतरीन है. चाहे वो चाट हो या फिर कोई नॉन वेज खाना. कहीं का कबाब फेमस है तो कहीं की बिरयानी. कहीं की कचोरी फेमस है तो कहीं की जलेबी. इसी क्रम में हर राज्य की चटनी का भी स्वाद बेहद अलग होता है. उत्तर प्रदेश में लोग मिर्चे धनिये, टमाटर की चटनी बहुत पसंद करते हैं. ख़ास कर किसी पकोड़ी के साथ. वहीं साउथ में नारियल की चटनी का जवाब नहीं. अब बात करें भांग की चटनी की तो यहां उत्तराखंड की जान बसती है भांग की चटनी में. जी हां उत्तराखंड में ये चटनी खासतौर पर बनाई जाती है और लोग इसे काफी पसंद भी करते हैं. भांग की चटनी दाल के पकोड़ों के साथ ख़ास तौर पर खाई जाती है.
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नशे से मुक्त होती है ये चटनी-
भांग की चटनी का नाम सुनते ही कुछ लोग चौंक सकते हैं क्योंकि भाग में नशा होता है तो उन्ह लगता है भांग की चटनी खा कर क्या असर होता होगा. लेकिन जो उत्तराखंड के खानपान का असर है वैसे ही इस चटनी का भी है. उत्तराखंड का खाना सबके सर पर चढ़ कर बोलता है. वैसे ही ये चटनी का जादू सबके सर पर जरूर बोलता है. आपको बस इसे एक बार चखना है. इस चटनी में नशा बिलकुल नहीं होता.
पहाड़ी की परंपरागत चटनी है ये-
ये चटनी परमपरागत पहाड़ी व्यंजन के स्वाद को कई गुना बढ़ा देती है. ये चटनी होली पर ख़ास कर बनाई जाती है. इसे भांग के पकौड़ों के साथ भी खाया जाता है. बदलते वक़्त के साथ यहां का कुछ रेहन सेहन खान पान बदला. लेकिन जो नहीं बदला वो है आलू और भांग की चटनी. तो चलिए बताते हैं भांग की चटनी बनाई कैसे जाती है.
भांग की चटनी बनाने के लिए चाहिए ये सामग्री
50 ग्राम भांग के बीज, 1 से 2 हरी मिर्च, 4 छोटे चम्मच नींबू का रस, 3 छोटे चम्मच हरा , 3 छोटे चम्मच पुदीना, 1/2 छोटा चम्मच नमक, 2 से तीन साबुत लाल मिर्च और 1/2 छोटा चम्मच जीरा.
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ऐसे बनाई जाती है भांग की चटनी
भांग के दानों को छानकर उन्हें किसी कड़ाही में तब तक भून लें, जब तक वो चटक कर अपनी खुशबू न बिखरने लगें.अब इन दानों को थोड़ा-थोड़ा करके सिल पर बारीक पीस लें. अगर आप चाहें तो मिक्सर में भी इसे पीस सकते हैं. पर बहुत ज्यादा बारीक न करें, दरदरा सा रखें. जब सारे दानें पिस जाएं तो इसे छलनी में छान कर भांग के छिलकों को बाहर निकाल लें और बाकी बचे हुए को सिल पर रख दें. इसके साथ में नींबू को छोड़कर बाकी सामग्री को भी सिल पर रख लें. अब इन सबको हल्का-हल्का पानी डालते हुए महीन पीसकर पेस्ट बना लें. यही काम आप मिक्सी का इस्तेमाल करते हुए कर सकते हैं.
तैयार पेस्ट को किसी बरतन में निकाल लें और ऊपर से नींबू का रस निचोड़कर मिला लें. ध्यान रहे की चटनी ना तो बहुत गाढ़ी हो और ना बहुत पतली. भांग की चटनी को आप किसी के साथ भी खा सकते हैं. चवा, आलू जीरा यानी की जाखिया , परांठे , पकोड़ों के साथ ये चटनी बहुत ज्यादा स्वादिष्ट लगती है.
सेहत के लिए फायदेमंद-
भांग के पौधे के बीज भांग के फल की तरह नशा पैदा करने वाले नहीं होते हैं बल्कि ये सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं. भांग के बीजों में प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है इसलिए ये स्किन और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. भांग के बीजों में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स त्वचा, दिल और जोड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं. भांग के बीजों में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है. इसके बीजों में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है. इसका सेवन करने से पेट भरा रहता है और बार-बार भूख नहीं लगती है. देश में चटनियों का भण्डार है. लेकिन अगर आपने उत्तराखंड जाकर भांग की चटनी नहीं खायी तो आपके चटनी का जायका अधूरा है. भांग की चटनी का स्वाद आपको हर किसी खाने के साथ बहुत बेहतर लगेगा.