हिंदुस्तान में कुछ लोग कॉलेज जाकर पढ़ाई करते हैं तो कोई घर से पढ़ाई करता है. घर से पढ़ाई करने वाले सिर्फ एग्जाम के वक़त कॉलेज जाते हैं. कोई हिंदुस्तान में रह कर कॉलेज करता है तो कोई विदेश में जाकर पढ़ाई करता है. हर एक कॉलेज में एक से एक कोर्सेस भी होते हैं. दुनिया में अलग-अलग तरह की डिग्रीयां दी जाती हैं. कुछ ऐसे कोर्स भी होते हैं जिनके बारें में अपने न सुना होता है न उनके बारें में जानकारी होती है. लेकिन आज भी देश दुनिया में कुछ ऐसे कोर्सेस हैं जो बहुत ही अजीबों गरीब हैं और इन कोर्सेस की डिग्रीयां भी दी जाती हैं.
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खान-पीना घूमना हर किसी की जिंदगी में बहुत मायने रखता है. खाना-पीना हर किसी की जिंदगी का आधार भी होता है. इसी को जरूरी समझते हुए विदेश ने इन चीज़ों का कोर्स भी कराना शुरू कर दिया है. जी हां, फ्रांस की एक यूनिवर्सिटी खाने पीने की डिग्री देती है. यह सुनने में बहुत अजीब है लेकिन ये सच है. बता दें कि फ्रांस अपने बेहतरीन लाइफस्टाइल, जीने के तरीके के लिए फेमस है. फ्रांस अपने लक्ज़री लाइफस्टाइल, वाइन, फ़ूड के लिए जाना जाता है. इन्ही सब को देखते हुए फ्रांस अब खाने पीने का कोर्स भी कराती है और डिग्री भी देती है. अपने फिल्मों में देखा है कि कॉलेज में स्टूडेंट घूमते हैं, नाचते-गाते हैं, लक्ज़री लाइफस्टाइल के साथ वह जिंदगी जीते हैं लेकिन ये सच फ्रांस की यूनिवर्सिटी ने करके दिखाया है.
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कौन सी है यूनिवर्सिटी -
फ्रांस की यूनिवर्सिटी जो मास्टर डिग्री कराती है उसका नाम है साइंस पो ली ( Sciences Po Lille). मीडिया रिपोर्ट्स और इस यूनिवर्सिटी के मुताबिक इसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर इस कोर्स का नाम BMV यानी 'बोयर, मैंगर, विवर मतलब खाना पीना और रहना कहा जाता है. इस कोर्स के बारें में बताएं तो इसमें फ़ूड ( Food), ड्रिंक्स( Drinks), फ़ूड टेक( Food Tech), गैस्ट्रो डिप्लोमेसी( Gastro-Diplomacy) के साथ कई सारे कोर्सेस के बारें में पढ़ाया जाएगा.
कैसे हुई शुरुआत, क्या है BMV कोर्स में -
इस कोर्स की शुरुआत लेक्चरर बेनोइट लेंगेन (Benoit Lengaign) द्वारा की गई है. जानकारों की माने तो इनका कहना है कि साइंस पो ली, काफी अच्छी यूनिवर्सिटी है जो ह्यूमन और सोशल साइंस (Human and social science) के बारें में काफी कुछ बताती है. इसलिए इस कोर्स में खाने, पीने रहने से लेकर कई अन्य चीओं के बारें में बताया जाएगा. इस कोर्स में लाइफस्टाइल, फ़ूड, फार्मिंग, अपनी जिंदगी को जीने के तरीके के बारें में बताया जाएगा जो बहुत ज़रूरी भी है. यहां आयोजित सेमीनार में स्टूडेंट्स भाग लेते हैं. साथ ही यहां वो सब सिखाया जाएगा जो इंसान के खाने,पीने, और जीने के तरीकों में मदद कर सके. ये कोर्स जब शुरू हुआ था तब मात्र 10 से 15 स्टूडेंट्स ने यहां एडमिशन लिया था जिसके बाद उन्होंने इस कोर्स का मज़ाक उड़ाया था. लेकिन बाद में जब उन्हें यहां रहकर पढ़कर ये सब समज आने लगा तब उन्हें ये कोर्स करने में मज़ा आने लगा और वो और दिलचस्पी से यहां पढाई करने लगे.
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"हम अपने शरीर में जीने के लिए जो खाते हैं वह प्रकृति का एक हिस्सा है. खाना व्यक्ति और ग्रह के लिए जरूरी दवा होना चाहिए। हम जो खाते हैं वह कुछ भी नहीं है. बल्कि यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि कौन, किसके साथ, कब, कहाँ से, कैसे, विरासत में मिले इस्तेमाल होने वाले या आप जिन आदतों को बदलना चाहते हैं. यह सब संस्कृति का सवाल है. यह प्रकृति और संस्कृति को विभाजित करने का सवाल नहीं है , क्योंकि हम धरती पर खेती करते हैं और पर्यावरण के लिए भी यह सब जरूरी है. पर्यावरण और संस्कृति के बीच यह BMV का आधार यही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आप इनके नोट को विज्ञान पो लिले की आधिकारिक वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं.
सुनने में यह कोर्स काफी अजीब लगेगा लेकिन सच माईने में यह आने वाली पीढ़ि को जिंदगी जीने के सही तरीके बता पाएगी. और स्ट्रेस, हर एक सिचुएशन को सही और समझदार तरीके से कैसे झेलना है वो बता पाएगी.