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Diwali Spacial: दीपावली पर क्यों खाते हैं सूरन की सब्जी, जानें अहम कारण 

दीपावली के दिन पकवान तो तमाम तरह के बनते हैं लेकिन इन्हीं पकवानों के बीच एक सब्जी है जो दीपावली पर बनाने की परंपरा है. ये सब्जी है सूरन जिसे कई स्थानों पर जिमीकंद भी कहते हैं. अनेक स्थानों पर दीपावली पर इसे बनाना जरूरी माना जाता है.

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Apoorv Srivastava
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sooran( Photo Credit : social media)

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दीपावली या दिवाली (Diwali) आने वाली है. इस दिन पकवान तो तमाम तरह के बनते हैं लेकिन इन्हीं पकवानों के बीच एक सब्जी है जो दीपावली पर बनाने की परंपरा है. ये सब्जी है सूरन जिसे कई स्थानों पर जिमीकंद भी कहते हैं. अनेक स्थानों पर दीपावली पर इसे बनाना जरूरी माना जाता है. कमाल की बात दीपावली के दिन दादी और बड़े बुजुर्ग हमेशा कहते हैं की खाने में आज के दिन जिमीकंद सब्जी जरूर बनाना. उनका इस जिमीकंद के लिए इतना जोर देकर बोलना और बनने तक तो ठीक था लेकिन खाते समय उस सब्जी को सभी को खाना है, इस चीज के लिए बच्चों के मन में एक प्रश्न आता है कि इतना अच्छा त्योहार और उसके बाद यह ऐसी कैसी सब्जी है जो जिसे सारे पकवानों में सबसे ज्यादा वैल्यू मिल रही है.

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आजकल तो कई बच्चे सोचते हैं कि मम्मी कितनी कंजूस है, आज के बाद त्योहार के दिन ही जिमीकंद जैसी खुजली वाली सब्जी को खाना पड़ रहा है, और तो और अगर किसी को यह सब्जी अच्छी ना लगती हो तो भी सब्जी को खाने के लिए राजी करने के लिए हमे बहाने बनाकर खिलाया जाता था. यूपी के तो तमाम क्षेत्रों में हर दीवाली पर सूरन या जिमीकंद बनाने की सदियों के परंपरा है लेकिन यह परंपरा क्यों है, आखिर सूरन की सब्जी का दीवाली से क्या संबंध है, इसे बहुत कम लोग जानते हैं. 

इस मामले में आयुर्वेद के एक्सपर्ट निकेत सिंह ने बताया कि दरअसल, सूरन या जिमीकंद की पैदावार इसी महीने में शुरू होती है. इसमें बहुत अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स व बीटा केरोटीन होता है जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसके अलावा इसमें बहुत से विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं. 

जिमीकंद में बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं. इसमें कैलोरी, फैट, कार्ब्स, प्रोटीन, पोटेशियम, घुलनशील फाइबर पर्याप्त मात्रा में होते हैं साथ ही इसमें विटामिन बी6, विटामिन बी1, राइबोफ्लेविन, फॉलिक एसिड, नियासीन आदि पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. इसके अलावा विटामिन A,बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को बीमारियों से बचाने में सहायता करते हैं. कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक दावा  है कि सूरन कैंसर तक को ठीक कर सकता है. 

हम सभी को पता है कि कैंसर कितनी खतरनाक बीमारी होती है, यदि इसका उपचार सही समय से ना किया जाए तो यह जानलेवा भी होता है लेकिन सूरन में अत्यधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट एवं फाइल फाइबर की मात्रा होने के कारण यह शरीर में कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में सक्षम है. डायटीशियन अंशुल टंडन कहती हैं कि शुगर में जिमीकंद बेहद लाभदायक होता है. जिमीकंद में ग्लूकोज की मात्रा बहुत कम होती है. शर्करा ना होने के कारण डायबिटीज वाले इसे आराम से खा सकते हैं और हर सप्ताह इसका सेवन करने से बहुत से लोगों का ब्लड शुगर स्तर सुधरता है. आजकल अनियमित दिनचर्या के कारण बहुत से लोग वजन से परेशान हैं. यदि आप अपना वजन सही करना चाहते हैं तो आपके लिए जिमीकंद सबसे बेहतर विकल्प होगा क्योंकि जिमीकंद में बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है. साथ ही साथ इसमें फाइबर की अधिकता आप को और अधिक लाभ देती है, बस इसे पकाते समय अधिक तेल का उपयोग नहीं करना है. यही नहीं, 

बवासीर में भी जिमीकंद उपयोगी है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो कब्ज से उत्पन्न हुए बवासीर रोग को ठीक करता है. गठिया रोग एवं जोड़ों के दर्द के लिए भी जिमीकंद फायदेमंद है. इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम एवं आयरन होता है, जो हड्डियों के किसी भी प्रकार के रोगों को ठीक करने में उपयोगी होता है. आयुर्वेद के एक्सपर्ट निकेत सिंह कहते हैं कि जिमीकंद के फायदे बहुत हैं और सभी लोग इसका पूरा लाभ ले सकें इसलिए इसे त्योहार से जोड़ दिया गया. परंपरा बना देने से सभी लोग इसका सेवन करेंगे और बच्चे भी ज्यादा मुंह नहीं बनाएंगे. इससे सभी को इसका लाभ प्राप्त हो सकेगा. इसलिए दीपावली से जिमीकंद को जोड़ दिया गया. 

Source : News Nation Bureau

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