ओणम का त्योहार चल रहा है! अगली 30 अगस्त तक चलने वाला ये अनोखा त्योहार कई मायनों में खास है. मुख्यत: इसका खाना. दरअसल आप अगर ओणम के बारे में हल्की-फुल्की जानकारी भी रखते हैं तो मालूम होगा कि इस त्योहार में केले के पत्तों पर खाना खाने की परंपरा है. यानि व्यंजन कोई भी हो, मगर उसे परोसा और खाया केवल केले के पत्तों पर जाएगा. हालांकि साउथ इंडिया में ये परंपरा बहुत पुरानी है, जिसका आज भी उसी तरह पालन किया जाता है.
मगर यहां सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों है? मसलन क्या वाकई में केले के पत्तों पर खाने से कोई फायदा है, या फिर ये बेमतलब है. चलिए आज तलाशें इस अनोखी परंपरा के हमारी सेहत से जुड़ते तारों को, साथ ही समझें इसका महत्व और तमाम फायदों को...
ये रहे फायदे...
1. पर्यावरण के अनुकूल
केले के पत्तों पर खाने में शुमार तमाम फायदों में से एक है इसका इको-फ्रेंडली होना. असल में ये पास्टिक या फाइबर के प्लेटों की तरह हमारे वातावरण को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाता है. उल्टा हमारे शरीर को इससे कई सारे लाभ पहुंचते हैं. न तो इसमें कोई कैमिकल होता है, न ही इससे सेहत पर कोई बुरा प्रभाव पड़ता है.
2. एंटी बैक्टीरियल गुणों की ताकत
केले के पत्तों से हमारी सेहत और शरीर को काफी फायदे हैं. इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण कीटाणु नहीं पनपने देते. साथ ही इसपर भोजन करने से हमारे पेट में पाचन क्रिया दुरुस्त होती है. इसके साथ ही केले के पत्तों पर लगा बैक्स खाने में और जान डाल देता है. एक बार अगर आप इसपर खाना रखकर खाएंगे, तो बार-बार खाएंगे.
3. अधिक मात्रा में पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स
केले के पत्ते की खासियत बस यहीं तक नहीं है, बल्कि इसमें मौजूद बड़ी संख्या में पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स सेल डैमेज से बचाव में कारगर है. इन पत्तों पर खाना रखकर खाने से, पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स खाने में समाहित हो जाते हैं, जिससे ये हमारी त्वचा, सेहत और शरीर को कई सारे लाभ पहुंचाता है.
Source : News Nation Bureau