चिंता... चिता समान है. इसलिए इसपर हमारा नियंत्रण जरूरी है. स्ट्रेस-एंग्जाइटी की परेशानियों को अगर वक्त रहते कंट्रोल नहीं किया गया, तो डिप्रेशन होने का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इन परेशानियों का ठीक तरह से उपचार करने और अपनी मानसिक सेहत का ध्यान रखने की सलाह देते हैं. वहीं कुछ अध्ययनों ने चिंता-एंग्जाइटी जैसी परेशानियों के लिए एक कमाल का सुझाव दिया है. ये सुझाव है डॉर्क चॉकलेट का सेवन. जी हां... विशेषज्ञों के मुताबिक, डॉर्क चॉकलेट खाने से हम काफी हद तक स्ट्रेस-एंग्जाइटी जैसी परेशानियों से राहत पा सकते हैं.
सिर्फ यही नहीं, बल्कि डॉर्क चॉकलेट ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी कारगर है. कई अध्ययनों के मुताबिक डॉर्क चॉकलेट खाना, डिप्रेशन के मरीजों के लिए भी लाभदायक है. मगर यहां सवाल ये है कि आखिर स्वाद के लिए खाने वाला डॉर्क चॉकलेट, हमारे लिए इतना फायदेमंद कैसे है? तो चलिए आज इसपर बात करें...
दरअसल यहां जिक्र होना चाहिए, शोधकर्ताओं और वेज्ञानिकों के एक अध्ययन का जिसमें उन्होंने डार्क चॉकलेट से जुड़े फायदों के बारे में बहुत कुछ पाया है. उनके मुताबिक दरअसल डार्क चॉकलेट में कोकोआ होता है, जो प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट्स (फ्लेवोनोइड्स) से भरपूर है, जिससे हमें कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं. बता दें कि इस अध्ययन में, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा 30 स्वस्थ वयस्कों को रोजाना करीब 40 ग्राम डार्क चॉकलेट का सेवन करवा कर उसके प्रभावों का आकलन किया. इस अध्ययन में मालूम चला कि हर रोज डार्क चॉकलेट का सेवन करने वाले स्वस्थ वयस्कों में स्ट्रेस हार्मोन का स्तर काफी हद तक कम हो गया. साथ ही जांच में ये भी सामने आया कि डार्क चॉकलेट आंतों में मेटाबॉलिज्म और बैक्टीरिया की गतिविधि पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.
डार्क चॉकलेट के कई फायदे
डार्क चॉकलेट स्ट्रेस को कम करने के लिए बेहतरीन तरीका है. इसमें मौजूद फ्लेवोनोल्स मस्तिष्क के कार्यों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, मस्तिष्क को शांत करता है, साथ ही साथ उसके रिएक्शन टाइम और याददाश्त को मजबूत करता है. साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रक्तचाप को कम करते हैं, साथ ही रक्त के संचार को बढ़ाते हैं.
डार्क चॉकलेट एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर भी काम करता है, साथ ही उच्च रक्तचाप और शरीर में इंफ्लामेशन को कम करने में भी लाभदायक साबित होता है. डार्क चॉकलेट बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर हृदय रोगों के जोखिमों को भी कम करता है.
Source : News Nation Bureau