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नॉन स्टिकी बर्तनों में खाना पकाने से कैंसर का बढ़ा खतरा, ICMR ने किया बड़ा खुलासा

आज देश के लाखो परिवार नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ये बर्तन आपके सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते है.आईसीएमआर (ICMR) ने हाल में अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि नॉन स्टिकी बर्तन में से जहरीले गैस का रिसाव होता है ज

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Prashant Jha
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नॉन-स्टिक बर्तनों( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Disadvantages of Non Stick Cookware: जब नॉन-स्टिक बर्तनों को बहुत अधिक गरम किया जाता है, तो PFOA और PFOS रसायन टूट सकते हैं और हवा में निकल सकते हैं. इन रसायनों को सांस लेने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. अगर नॉन-स्टिक कोटिंग खरोंची जाती है, तो PFOA और PFOS भोजन में प्रवेश कर सकते हैं और शरीर द्वारा अवशोषित किए जा सकते हैं. आईसीएमआर ने इसे लेकर एक गाइडलाइंस जारी की है जिसमें नॉन स्टिकी बर्तनों में से जहरीले गैस का रिसाव होता है जो लंग्स के लिए खतरनाक हो सकता है. 

नॉन स्टिकी बर्तनों से कैसे बढ़ा कैंसर का खतरा? 

आज देश के लाखो परिवार नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ये बर्तन आपके सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते है.आईसीएमआर (ICMR) ने हाल में अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि नॉन स्टिकी बर्तन में से जहरीले गैस का रिसाव होता है जिससे लंग्स की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है. आईसीएमआर ने कहा है कि आप नॉन स्टिक की जगह मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं. नॉन-स्टिक बर्तनों से कैंसर का खतरा बढ़ने की संभावना को लेकर वैज्ञानिकों में अभी भी बहस जारी है.  कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इन बर्तनों में इस्तेमाल होने वाले रसायन, जैसे कि Perfluoro-n-octanoic acid  (PFOA) और perfluorooctane sulfonate (PFOS), कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

कई तरह की बीमारियों को न्योता देते हैं ये नॉन स्टिक बर्तन

दरअसल नॉन स्टिक सामानों में टेफलॉन की कोटिंग की जाती है. साथ ही उनपर कुछ चिपके नहीं इसके लिए उसमे फोरेवर रसायन का इस्तेमाल किया जाता है. ये फोरेवर रसायन डायबिटीज, मोटापा, कैंसर के कारक हो सकते है. ऐसे में अगर आप इस तरह के बर्तनों का इस्तेमाल कर रहे है तो इसकी जगह आप लोहे के बर्तन या मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ऑनकोलॉजिस्ट डॉ अंशुमन कुमार का कहना है कि नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाना और खानपान में ज्यादातर इस्तेमाल करना यह हमारी सेहत के लिए खतरनाक है. इसके ज्यादा प्रयोग में लाने से बचे. नॉन-स्टिक बर्तनों का उपयोग करते समय सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है.  PFOA मुक्त बर्तन चुनें, अत्यधिक गरम करने से बचें, खरोंच से बचें, और नियमित रूप से बर्तनों को बदलें.  यह भी याद रखें कि कैंसर के कई अन्य जोखिम कारक भी हैं, और नॉन-स्टिक बर्तनों का उपयोग इनमें से केवल एक ही है.

Source : News Nation Bureau

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