आयुर्वेद (Ayurveda) में रात में खाने को लेकर कुछ चीजों को वर्जित किया गया है. इन चीजों में मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला) शामिल हैं. यह भी कहा जाता है कि शरीर की प्रकृति के अनुसार ही मनुष्य को भोजन करना चाहिए, ताकि शरीर में पोषक तत्वों का असंतुलन न हो. इसके अलावा आयुर्वेद में यह भी कहा गया है कि भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए.
यह भी पढ़ें : Covid-19 के दौर में खाइए लजीज कोरोना करी और मास्क नान, लोकप्रिय हो रहा है यह डिश
आयुर्वेद के अनुसार, रात में दही का सेवन वर्जित है. दही कफ की समस्या को बढ़ा सकता है, जिससे बलगम की अधिकता हो सकती है. दही की जगह छाछ लेने की सलाह दी गई है.
रात में दूध पीएं, लेकिन फैट निकालकर. ठंडा दूध न पीएं. दूध को हमेशा उबालकर पीएं. गर्म दूध और कम फैट वाला दूध पाचक का काम करता है.
डिनर में कम से कम मसालों का प्रयोग करें या ऐसे मसालों का प्रयोग करें जो सेहत के लिए अच्छे हों. इससे शरीर में गर्माहट बढ़ेगी और भूख भी बनी रहेगी. दालचीनी, सौंफ, मेथी और इलायची जैसे मसालों का सेवन गुणकारी हो सकता है.
रात में प्रोटीन युक्त भोजन जैसे दाल, हरी सब्जियां, करी पत्ते और फल आदि का सेवन करें, ताकि आपका पाचनतंत्र दुरुस्त और शरीर हेल्दी रहे.
यह भी पढ़ें : Video: इस रेसिपी के साथ सामने आईं नीना गुप्ता, फैन्स को बताए फायदे
रात में कम खाएं और खाना को चबा-चबाकर खाएं. इससे आपकी पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहेगी और नींद भी अच्छी आएगी. रात में हमारा पाचन तंत्र निष्क्रिय हो जाता है और भारी भोजन पचाना मुश्किल होता है. सोने से पहले रात को ब्रश करना न भूलें.
Source : News Nation Bureau