पूरे देश में 11 और 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2020)मनाई जाएगी, इस मौके पर मंदिर और घरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती हैं. कृष्णा का जन्म भादप्रद माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्य रात्रि के रोहिणी नक्षत्र में वृष के चंद्रमा में हुआ था. जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा करने का खास महत्व है.
हर साल जन्माष्टमी बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है खासतौर से कृष्ण नगरी मथुरा में. लेकिन इस बार महामारी कोरोना वायरस के कारण ऐसा हो पाना संभव नहीं है. देवकी पुत्र श्री कृष्णा का जन्मोत्सव इसबार साधारण तरीके से मनाया जाएगा. हर बार की तरह इस बार भी जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है. 11 और 12 अगस्त दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. लेकिन 12 अगस्त को जन्माष्टमी मानना श्रेष्ठ है. मथुरा और द्वारिका में 12 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा.
और पढ़ें: Janmashtami 2020: 16,000 रानियों के अलावा कृष्ण की थी 8 पटरानियां, जानें कहानी
नंदलाला के लिए 56 भोग तैयार किया जाता है जो कि 56 प्रकार का होता है. कृष्ण भक्त अपने घर में भी पूजा का भोग तैयार कर सकते हैं. जन्माष्टमी के दिन पंजीरी का भोर चढ़ाने का खास महत्व होता है. तो हम आपको आज आटे की पंजीरी बनाने की रेसिपी बताएंगे.
पंजीरी बनाने की विधि-
सामाग्री- आटा, घी, चीनी, (चीनी और घी स्वादानुसार डाला जाएगा), मखाना (कटा हुआ)
बनाने की विधि- पंजरी बनाने के लिए आपको गर्म कढ़ाही में घी डालें. इसी पैन में अब मखाने को भूनें और थाली में निकाल लें. इसके बाद एक बार फिर कड़ाही में घी डालें और आटे को धीमी आंच पर सुनहरा होने तक भूनें. इसके बाद इसमें आटा ठंडा होने पर इसमें पिसी हुई चीनी और मखाना मिलाएं. अब आपका भोग तैयार है. आप चाहे तो इस पंजीरी में खरबूजे के बीज और बादाम काजू भी भून कर डाल सकती है. आखिर में पंजीरी के ऊपर तुलसी का पत्ता डालकर भोग तैयार कर मंदिर में रख दें.
Source : News Nation Bureau