नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है। व्रत रखने के दौरान कुछ लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। वे पूरी सख्ती से दिन में केवल एक बार खाने और आखिरी खाने तक बिना पानी के रहने, दिन में नमक केवल एक बार खाने और सिर्फ आलू से बना भोजन खाने की परंपरा का पालन करते हैं।
जिन लोगों को दिल के रोग, डायबिटीज और हाईब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हैं और गर्भवती महिलाओं के लिए ऐसा करना उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। ऐसे मरीजों में जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं और डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही व्रत रखा जाना चाहिए।
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया, 'अगर पोषण की उचित गुणवत्ता शरीर को मिलती रहे तो व्रत रखने से शरीर पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। जिन मरीजों को दिल की समस्याएं हैं, उन्हें आलू के पकौड़े और आलू के प्रोसेस्ड चिप्स, जैसी तली हुई चीजें न खाने की सलाह दी जाती है।'
और पढ़ें: नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने से श्रद्धालुओं को होगा लाभ
उन्होंने कहा, 'डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को उसी वक्त अपना व्रत खोल देना चाहिए, जब उनके ब्लड शुगर का स्तर 60 एमजी से नीचे चला जाए। उन्हें दिन में काफी मात्रा में तरल आहार भी लेते रहना चाहिए, क्योंकि शरीर में डिहाइड्रेशन होने से लकवा या दिल का दौरा पड़ सकता है। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में व्रत रखने से खतरा कम होता है, लेकिन टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को व्रत बिल्कुल नहीं रखना चाहिए।'
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि लंबी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को व्रत रखते समय डॉक्टर से सलाह लेना बेहद आवश्यक होता है, क्योंकि नियमित तौर पर चल रही दवाओं की खुराक व्रत की वजह से 40 से 50 प्रतिशत तक कम करने की जरूरत हो सकती है।
आपके लिए कुछ सेहतमंद सुझाव:
- सादा दही की बजाए लौकी का रायता खाएं।
- खली पेट न रहे। बीच में बादाम खाए जा सकते हैं।
- कुटृटू के आटे की रोटी कद्दू के साथ खाएं।
- थोड़ी थोड़ी देर बाद उचित मात्रा में फल खाते रहें ताकि शरीर में पोषक तत्व बने रहें।
- सिंघाड़े और कट्टू का आटा मिला कर पकाएं।
- सिंघाड़ा अनाज नहीं, बल्कि फल है इस लिए इसे अनाज की जगह प्रयोग किया जा सकता है।
- सिंघाड़े के आटे में ग्लूटन नहीं होता, इसलिए सीलियक बीमारी से पीड़ित या ग्लूटन से एलर्जी वाले मरीज इसका प्रयोग कर सकते हैं।
Source : News Nation Bureau