वैसे तो डॉक्टर, डायटीशियन से लेकर दादी-नानी भी कहती आ रही हैं कि फास्ट फूड सेहत के लिए खतरनाक है. दाल-चावल-सब्जी और भारतीय व्यंजनों (Indian Foods) पर नाक-भौं सिकोड़ने वाले बच्चों और किशोरों के लिए यह खबर उनकी आंखें खोल देगी. वैज्ञानिकों के ताजा शोध बताते हैं कि पिज्जा(Pizza), बर्गर (Burger) जैसे फास्टफूड (Fast Food) आनुवांशिक रोगों को उभारने और बढ़ाने में मददगार बनते हैं, जबकि भारत का शाकाहारी आहार- स्टार्च, सोयाबीन तेल, दाल-चावल, सब्जी और विशेषकर हल्दी का इस्तेमाल इन रोगों से शरीर की रक्षा करने में सक्षम है.
यह शोध जर्मनी की ल्यूबेक यूनिवर्सिटी में किया गया है. शोधकर्ताओं में रूस के डॉ. अर्तेम वोरोवयेव, इजराइल की डॉ. तान्या शेजिन और भारत के डॉ. यास्का गुप्ता शामिल हैं. शोध करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक भारतीय आहार आनुवांशिक बीमारियों को भी मात दे सकता है. बीमारियों का मुख्य कारक केवल डीएनए में गडबड़ी नहीं है, बल्कि आहार उससे भी अधिक अहम है, जो बीमारी पैदा कर सकता है और उस पर लगाम भी लगा सकता है. यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राॅल्फ लुडविज के नेतृत्व में तीन वैज्ञानिकों द्वारा किया गया शोध ‘नेचर’ के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है.
यह भी पढ़ेंः खून की कमी से जूझ रहे दिल्ली के 70% बच्चे, उत्तर प्रदेश के 49 फीसद बच्चों में ठिगनापन
भास्कर को अपने दिए गए इंटरव्यू में डॉ यास्का गुप्ता ने बताया कि चूहों पर दो साल तक किए गए शोध में पाया गया कि पश्चिमी देशों के उच्च कैलोरी आहार जहां आनुवांशिक माने जाने वाले रोगों को बढ़ाते हैं जबकि भारतीय उपमहाद्वीप के लो कैलोरी आहार रोगों से बचाते हैं. तमाम आनुवांशिक रोगों को केवल डीएनए के नजरिए से ही देखा जाता है, इस शोध में इसे आहार केंद्रित करके परखा गया.
शोधकर्ताओं ने चूहों के उस समूह पर प्रयोग किया जो ल्यूपस नामक रोग से ग्रसित थे. ल्यूपस रोग का सीधा संबंध डीएनए से है. ल्यूपस ऑटोइम्यून रोग की श्रेणी में आता है और इसमें शरीर का प्रतिरोधक तंत्र अपने ही अंगों पर प्रहार करता है और शरीर के विभिन्न अंग व विभिन्न प्रणालियों जैसे जोड़ों, किडनी, दिल, फेफड़े, ब्रेन व ब्लड सेल को नष्ट करता है.
यह भी पढ़ेंः लंदन की जेल में अभी 17 अक्टूबर तक रहेगा नीरव मोदी, कोर्ट ने बढ़ाई कस्टडी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉ. यास्का गुप्ता ने बताया कि इस शोध के नतीजे सीधे तौर पर बता रहे हैं कि पश्चिमी देशों में आहार में लिए जाने वाले पिज्जा, बर्गर जैसे फास्टफूड आनुवांशिक रोगों को उभारने और बढ़ाने में मददगार बनते हैं, जबकि भारत का शाकाहारी आहार- स्टार्च, सोयाबीन तेल, दाल-चावल, सब्जी और विशेषकर हल्दी का इस्तेमाल इन रोगों से शरीर की रक्षा करने में सक्षम है.
यह भी पढ़ेंः तो क्या अब कभी नहीं हो पाएगा विक्रम लैंडर (Vikram Lander) से संपर्क, जानें क्या कह रहा है ISRO
चूहों के दो समूहों में एक को ज्यादा सूक्रोज वाला आहार दिया गया, जैसा पश्चिमी देशों में लिया जाता है. दूसरे समूह को लो कैलोरी वाला नियंत्रित आहार दिया गया, जैसा भारतीय उपमहाद्वीप में लिया जाता है. पहले समूह के चूहे ल्यूपस रोग की चपेट में आ गए और उनकी हालत गंभीर हो गई जबकि दूसरे समूह के चूहे जिन्हें लो कैलोरी डाइट दी गई थी वे ल्यूपस रोग से ग्रसित होने से बच गए.
HIGHLIGHTS
- आनुवांशिक बीमारी को मात दे सकते हैं भारतीय भोजन
- शाकाहारी भारतीय भोजन बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता
- जर्मन यूनिवर्सिटी की रिसर्च का दावा, चूहों के दो समूहों पर किया परीक्षण
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो