Ayurvedic Tea : अगर आप भी चाय के शौकीन हैं, तो एक बार जरूर ट्राई करें आयुर्वेदिक चाय. इसमें मौजूद हर्बल इंग्रेडिएंट आपको हेल्दी रखने में मदद करेगी. आयुर्वेदिक चाय एक प्राचीन और प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय है जिसमें विभिन्न जड़ी-बूटियों, औषधियों, और भी कई आवश्यक तत्वों का समृद्ध मिश्रण होता है. यह चाय स्वास्थ्य को सुरक्षित को अच्छा बनाए रखने के लिए काफी मशहूर है और आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रचलित है. तो आइए इस आर्टिकल में आपको आयुर्वेदिक चाय बनाने की सामग्री, विधि और फायदे के बारे में बताते हैं...
आयुर्वेदिक चाय की सामग्री
तुलसी (Holy Basil): तुलसी को स्वास्थ्य के लाभ के लिए जाना जाता है और इसे चाय में शामिल किया जा सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण होते हैं.
अदरक (Ginger): अदरक में शांति प्रदान करने वाले गुण होते हैं और इसे चाय में शामिल करके सर्दी-जुकाम, पाचन सुधार, और वातरोग में मदद की जा सकती है.
दालचीनी (Cinnamon): दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण होते हैं और इसे चाय में शामिल करने से मधुमेह और अन्य रोगों की संभावना कम हो सकती है.
ईलायची (Cardamom): ईलायची को चाय में डालने से उसमें आरामदायक गुण होते हैं और पाचन को सुधार सकते हैं.
अश्वगंधा (Ashwagandha): अश्वगंधा चाय में शामिल करने से तंतुरक्षक और तंतुशोधक के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जो स्ट्रेस और थकान को कम करने में मदद कर सकता है.
लीमंग्रास (Lemongrass): लीमंग्रास चाय में उपयोग किया जाता है जो उत्तेजनात्मक और स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है.
हींग (Asafoetida): हींग को चाय में डालने से पाचन को सुधार सकता है और गैस की समस्याओं को कम कर सकता है.
आयुर्वेदिक चाय बनाने की रेसिपी:
सामग्री :
1 छोटा चमच आयुर्वेदिक चाय पत्तियां
1 छोटा चमच अदरक कद्दुकस किया हुआ
1 छोटा चमच तुलसी पत्तियां
1 छोटा चमच लीमंग्रास (लेमन ग्रास)
1 छोटा चमच ईलायची पाउडर
2 कप पानी
1/2 कप दूध (यदि व्यक्ति चाहे तो)
रेसिपी :
पानी को उबालें.
उबाले जाने पर उसमें आयुर्वेदिक चाय पत्तियां, अदरक, तुलसी, लीमंग्रास, और ईलायची डालें.
इसे 5-7 मिनट तक ढककर उबालें, ताकि सभी आयुर्वेदिक तत्व पानी में अच्छे से निघल जाएं.
अब दूध जोड़ें और एक बार फिर उबालें.
चाय को चलने दें और इसे एक कप में छलने के बाद पीने के लिए तैयार है.
आयुर्वेदिक चाय के फायदे :
प्रतिरक्षात्मक शक्ति में सुधार : तुलसी और अन्य आयुर्वेदिक तत्व शरीर की प्रतिरक्षात्मक शक्ति को मजबूत कर सकते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं.
श्वासनली की साफी : अदरक और लीमंग्रास की मौजूदगी श्वासनली को साफ करने में मदद कर सकती है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है.
स्थानीय दर्द कम करने में सहायक : आयुर्वेदिक चाय के बानी तत्वों का सेवन किसी भी स्थानीय दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.
स्थायी शांति : चाय में शामिल गुणों के कारण, इसे प्रतिदिन पीने से मानसिक स्थिति में सुधार हो सकता है और शांति का अनुभव हो सकता है.
पाचन को सुधारना : आयुर्वेदिक चाय का सेवन पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है और अच्छा आहारशीलता को बनाए रख सकता है.
स्वास्थ्यवर्धक गुण : चाय में मौजूद आयुर्वेदिक तत्वों के कारण, इसे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक उत्तम पेय माना जा सकता है.
यह सुझाव निर्देशानुसार है, इसे अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य लाभों के लिए अपने चिकित्सक से सुनिश्चित करना हमेशा अच्छा होता है.
Source : News Nation Bureau