सावन की शुरुआत के साथ ही त्योहारों का दौर शुरू हो जाता है। हरतालिका तीज राखी, नागपंचमी, मंगलागौरी और कामिका एकादशी जैसे व्रत और त्योहार पर घेवर की मिठाई का भोग लगाने का प्रचलन है। इसलिए ही कहा जाता है कि सावन का त्योहार घेवर के बिना अधूरा है।
घेवर वैसे तो राजस्थानी मिठाई होती है पर इसे पंसद देश भर में किया जाता है। घी-मैदा और शक्कर से बनने वाली इस मिठाई को इंग्लिश में हनीकॉम्ब डेजर्ट कहा जाता है। ड्राई फ्रूट- रबड़ी आदि से भरपूर घेवर बाजार में सामान्य मिठाई की तुलना में मंहगा होता है।
हालांकि आज हम आपके लिए इसे घर में आसानी से बनाने की विधि लेकर आये है। जो आपके जेब पर भी बुरा असर नहीं डालेगी और परिवार में भी खुशी फैला देगी।
घेवर बनाने की सामग्री
1. दो कप मैदा
2. एक चौथाई कप घी
3.एक चौथाई कप दूध
4.चार कप पानी
5.एक लीटर तेल
बर्फ के टुकड़े
चाशनी बनाने के लिए
1. दो कप चीनी
2. जरुरत के अनुसार पानी
घेवर बनाने की विधि
1-एक बर्तन में बर्फ के टुकड़े डालकर घी को अच्छी तरह से फेंटे। घी को तब तक फेंटते रहे तक की उसमें से सफेद मक्खन ना निकल आए। इसके बाद बर्फ को हटाकर मक्खन को अच्छी तरह से फेंटे।
2- जब मक्खन चिकना हो जाए तो उसमें धीरे-धीरे मैदा डालकर फेंटते रहे, उसके बाद उसमें पानी औऱ दूध को मिलाकर अच्छी तरह से फेंटे। ध्यान रहे कि इस घोल में गांठे नहीं रहनी चाहिए।
3- जब तक आप घोल तैयार कर रहे हो, गैस पर मोटे तल के भगोना या कढ़ाई में तेल गर्म कर लें।
4. तेल गर्म हो जाने के बाद एक बड़े चमचे से घेवर के घोल को तेल में ऊपर से डाले। ध्यान रहे कि घोल इतना पतला हो कि तेल में जाते ही वह फैल जाए। एक घेवर बनाने के लिए करीब 4-5 चमचा घोल डालना पड़ता है।
5- घोल को एक परत के ऊपर नहीं डालना चाहिए बल्कि किसी चीज से एक परत में छेद करते हुए दूसरी परत डालनी चाहिए।
6- 4-5 चमचा घोल डालने के बाद घेवर को सुनहरा होने तक पकाए फिर किसी नुकीली चीज में फंसाकर बाहर निकाल ले।
7- पानी और शक्कर की चाशनी बना कर घेवर को उसमें अच्छी तरह से तर कर दे।
बस आपका घेवर तैयार है। इसके बाद आप चाहे तो सादा घेवर सर्व कर सकती है या बाजार से रबड़ी लाकर आप उसके ऊपर सजाकर घेवर को और भी स्वादिष्ट बना सकती है।
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Source : News Nation Bureau