हर साल आज यानि 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है. ये खास दिन दरअसल एक विश्वव्यापी पहल है, जिसका मकसद खाद्य सुरक्षा और भूख से संबंधित मुद्दों को प्रकाश में लाना है. इस खास पहल के माध्यम से दुनियाभर के लोगों में भुखमरी और कुपोषण जैसी गंभीर चुनौतियों के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है. साथ ही इस दिन पर व्यवहार्य कृषि पद्धतियों, समान भोजन वितरण और सभी के लिए पौष्टिक भोजन की उपलब्धता की आवश्यकता पर भी गौर किया जाता है...
World Food Day का ये खास दिन, सरकारों, संघों और दुनियाभर के तमाम लोगों से 'Unified Nations Sustainable Development Goal of zero hunger' यानि दुनियाभर में कोई भूखा न रहे, इस दिशा की ओर बढ़ने का आग्रह करता है. साथ ही ये भोजन से संबंधित आपात स्थितियों को संबोधित करने के लिए बातचीत, समर्थन और समुदाय-संचालित प्रयासों के लिए एक मंच के तौर पर काम करता है.
जानें क्या है विश्व खाद्य दिवस 2023?
विश्व खाद्य दिवस 2023 की थीम 'जल ही जीवन है, जल ही भोजन है' है. किसी को पीछे मत छोड़ो' दरअसल इस साल की थीम खाद्य सुरक्षा की गारंटी में पानी की बुनियादी भूमिका पर प्रकाश डालती है, साथ ही भूख और कुपोषण से लड़ने के हमारे प्रयासों में जल संसाधनों की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करती है. इस थीम के माध्यम से लोगों के बीच, कृषि पद्धतियों, खाद्य उत्पादन और अंततः, विश्वव्यापी खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों को पूरा करने के लिए स्वच्छ और पर्याप्त पानी की उपलब्धता दर्शाता है.
जानें इस दिवस के पीछे का असल इतिहास
विश्व खाद्य दिवस 1945 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की स्थापना का प्रतीक है. एसोसिएशन की स्थापना भूख से लड़ने और दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करने के लिए की गई थी. 34 वर्षों के बाद नवंबर 1979 में 20वें एफएओ सम्मेलन में इसे विश्व अवकाश के रूप में मान्यता दी गई. इसके बाद, एकीकृत राष्ट्र द्वारा इसे आधिकारिक मान्यता मिलने के बाद भी 150 देशों ने इस दिन को मनाना जारी रखा. 2014 से, विश्व खाद्य दिवस का उपयोग दुनिया की देखभाल और ग्रामीण देशों में गरीबी कम करने की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता रहा है.
Source : News Nation Bureau