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सावधान! कहीं आपके बच्चे भी तो नहीं हो रहे इन चीजों का शिकार?

अक्सर बच्चों के यौन शोषण की खबरें आती रहती हैं. बच्चे घर से लेकर स्कूल तक में शोषण का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में आपका फर्ज बनता है कि आप अपने बच्चों को समय रहते गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी दें और उन्हें इसका शिकार होने से बचाएं.

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Pooja Kumari
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Good Touch Bad Touch

Good Touch Bad Touch for Kids: अब तक आपने 'गुड टच' और 'बैड टच' के बारे में बहुत सुना होगा. और अपने बच्चों को भी इसके बारे में जानकारी दी होगी. बच्चों को स्कूलों में भी 'गुड टच' और 'बैड टच' के बारे में डिटेल में जानकारी दी जाती है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो आज के समय में हर 10 में से एक बच्चा यौन शोषण का शिकार हो रहा है. बता दें कि इसकी औसत आयू नौ वर्ष देखी गई है. वहीं कुछ मामलों में तो इससे भी कम उम्र के बच्चे शामिल हैं. ऐसे में आपका फर्ज बनता है कि हम अपने बच्चों को समय रहते इसकी जानकारी दें और उन्हें इसका शिकार होने से बचाएं. आज ही अपने बच्चों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी दें. 

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गुड टच और बैड टच का अंतर

गुड टच: गुड टच वह होता है जो बच्चे को सुरक्षित, आरामदायक और खुश महसूस कराता है. इसमें माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों द्वारा दिए गए स्नेहपूर्ण स्पर्श, जैसे कि गले लगाना, सिर पर हाथ फेरना, या हाथ पकड़ना शामिल है. ये स्पर्श बच्चे के लिए सुकूनदायक होते हैं और उन्हें प्यार और सुरक्षा का एहसास कराते हैं.

बैड टच: बैड टच वह होता है जो बच्चे को असहज, डरावना या दर्दनाक महसूस कराता है. इसमें ऐसे स्पर्श शामिल होते हैं जो बच्चे की सीमाओं का उल्लंघन करते हैं या जिनसे बच्चे को असुरक्षित और असहज महसूस होता है. ये किसी भी प्रकार का शारीरिक संपर्क हो सकता है जो बच्चे की इच्छा या सहमति के बिना किया जाए, जैसे कि गलत तरीके से छूना या अनचाहा शारीरिक संपर्क.

बच्चों को कैसे समझाएं गुड टच और बैड टच का अंतर? 

सहज बातचीत: बच्चों के साथ इस विषय पर सरल और स्पष्ट भाषा में बातचीत करें. उन्हें बताएं कि कुछ टच उन्हें सुरक्षित और खुश महसूस कराते हैं, जबकि अन्य स्पर्श असहज और परेशान करने वाले हो सकते हैं. उदाहरण के तौर पर, आप ये बता सकते हैं कि गले लगाना गुड टच हो सकता है, लेकिन किसी अजनबी द्वारा बिना उनकी अनुमति के छूना बैड टच हो सकता है.

असहज महसूस होने पर अपने पेरेंट्स को बताएं: बच्चों को ये समझाना आवश्यक है कि उनके शरीर की कुछ सीमाएं हैं और कोई भी व्यक्ति बिना उनकी अनुमति के उन्हें छूने का अधिकार नहीं रखता. आप अपने बच्चों को बताएं कि असहज स्थिति के बारे में तुरंत आपको या किसी भरोसेमंद व्यक्ति को जानकारी दें. 

कहानी और पिक्चर्स की मदद से: बच्चों को गुड टच और बैड टच समझाने के लिए कहानियां और पिक्चर्स का उपयोग करें. इन माध्यमों से बच्चों को विभिन्न स्पर्शों के बारे में दृश्य और व्यावहारिक उदाहरण मिल सकते हैं, जिससे वे आसानी से समझ सकेंगे कि किस प्रकार का स्पर्श सुरक्षित है और किस प्रकार का स्पर्श असुरक्षित. जानकारी के मुताबिक जब भी बच्चा सही तरीके से अपनी सीमाएं निर्धारित करता है या किसी असहज स्पर्श के बारे में बात करता है, तो उसकी सराहना करें. इससे बच्चे को कॉन्फिडेंस मिलेगा और वह फ्यूचर में आपसे खुलकर अपनी बात रख पाएंगे.  

नियमित बातचीत: गुड टच और बैड टच पर समय-समय पर अपने बच्चों से बात करते रहें. बच्चों के सवालों का खुलकर और ईमानदारी से जवाब दें. ये सुनिश्चित करें कि वे समझें कि ये बातचीत एक बार की नहीं बल्कि नियमित रूप से की जाने वाली प्रक्रिया है.

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