Hariyali Teej 2024: सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत खास और पवित्र माना जाता है. सावन का महीना, न केवल वर्षा ऋतु के आगमन को दर्शाता है, बल्कि यह भक्ति, आध्यात्मिकता और उत्सवों का महीना भी होता है. सावन के महीने में झूला डालने और झूलने की भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है. सावन में झूला झूलने के पीछे कुछ मान्यताएं हैं. माना जाता है कि सबसे पहले भगवान कृष्ण ने राधा रानी को सावन में ही झूला झुलाया था. तभी से सावन में झूला झूलने की परंपरा चलती आ रही है. झूला झूलना पवित्रता का भी प्रतीक माना जाता है. झूला झूलना मानसून ऋतु के आगमन का उत्सव भी माना जाता है. इसके साथ ही इसके साइंटिफिक फायदे भी बहुत हैं आइए जानते हैं इनके बारे में.
दिमाग की होती एक्सरसाइज
झूला झूलना हमारे दिमाग के लिए एक एक्सरसाइज की तरह काम करता है. इस दौरान हम अपने मसल्स, पैर, हाथ और अपने शरीर के निचले भाग का पूरा इस्तेमाल करते हैं जिससे शरीर एक्टिव रहता है.
बर्न होता फैट
झूला झूलने के दौरान तमाम मांसपेशियों में जमा फैट भी बर्न होता है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है. तो, इन तमाम कारणों से इस हरियाली तीज आपको बिना अपनी उम्र देखे झूला झूलना चाहिए.
मूड बूस्टर
झूला झूलने से आपके मन में जो खुशी और उमंग होती है यही, आपके कार्टिसोल हार्मोन को कम करने का काम करता है. ये मूड बूस्टर की तरह है जो आपके मन को खुश कर देता है.
हैप्पी हार्मोन्स के प्रोडक्शन को बढ़ावा
इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन्स के प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलता है. सेरोटोनिन को भी बढ़ाता है जिससे नींद बेहतर होती है. इस प्रकार से ये आपकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
फोकस को बढ़ाता
झूला झूलना फोकस को बढ़ाता देता है. दिमाग को अलर्ट करने में मदद करता है. इससे होता ये है कि आपके दिमाग का कुछ हिस्सा जिसका कम इस्तेमाल होता वो एक्टिवेट हो जाता है.
ब्रेन की न्यूरल गतिविधियां तेज
इसके अलावा ये आपके ब्रेन की न्यूरल गतिविधियों को तेज करता है और फिर तमाम नसों के लिए एक्सरसाइज बन जाता है.
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