Health Tips: स्टडी के मुताबिक 185 देशों में 15 पोषक तत्वों को खाने को लेकर अनुमान लगाया गया है, जो बिना सप्लीमेंट वाली डाइट पर बेस्ड है. वहीं दुनिया की 70% यानी कि 5 अरब आबादी इस बीमारी से जूझ रही है. यानी की दुनिया की एक तिहाई आबादी में यह कमी है. लेकिन क्या आप जानते है बाकि देशों से ज्यादा गंभीर ये बीमारी हमारे भारत में है. वहीं इस बीमारी का असर लोगों की इम्यूनिटी के साथ साथ फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है.
क्या है बीमारी
स्टडी के मुताबिक भारत में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में आयोडीन की कमी ज्यादा है, वहीं महिलाओं की तुलना में पुरुषों में जिंक और मैग्नीशियम की कमी है. आधे ये ज्यादा आबादी में आयोडीन, विटामिन-ई और कैल्शियम की कमी है. यह बीमारी इसलिए ज्यादा बढ़ रही हैं क्योंकि लोगों ने अब मोटे अनाज का सेवन करना कम कर दिया है. जिसकी वजह से लोगों में इसकी कमी हो रही है. वहीं 2 अरब लोगों में से एक तिहाई लोग तो सिर्फ भारत के ही है.
युवाओं में ज्यादा कमी
वहीं 10 से 30 साल की उम्र वालों में कैल्शियम की कमी का खतरा सबसे ज्यादा है. वहीं भारत के अलावा दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में यह समस्या ज्यादा बनी है. पावरफुल फर्टिलाइजर और जहरीले केमिकल्स की वजह से पोषक तत्वों की कमी के साथ ही अनाज में जहरीले तत्व भी काफी बढ़ गए हैं.
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चावल में हुई कमी
इसके अलावा पिछले 50 सालों में ही चावल में जिंक और आयरन की कमी 33% और 27% तक कम हो गई है. जबकि जहरीले तत्व आर्सेनिक की मात्रा 1493% तक बढ़ गई है. जिसकी वजह से हमारी सेहत पर काफी ज्यादा असर पड़ता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)