जब भी बचपन में आपको बुखार हुआ होगा, तो आपने ध्यान दिया होगा कि आपके मां-बाप आपके सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रख देते थे. जिससे बुखार उतारने की कोशिश की जाती थी. वहीं बुखार होने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है. तेज बुखार से घबराहट और बेचैनी होने लगती है. बुखार में बॉडी का टेंपरेचर 100 डिग्री से ज्यादा होना सेफ नहीं माना जाता है. जिसके लिए पानी की पट्टी का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं काफी टाइम तो इससे आराम मिल जाता था, लेकिन काफी बार बुखार दूर नहीं होता था. ऐसा इसलिए होता था क्योंकि आपका पट्टी रखने का जो टाइम होता है, वो गलत होता है. आइए आपको पट्टी इस्तेमाल करने का सही टाइम बताते है.
इस टाइम रखें पट्टी
एक्सपर्ट के मुताबिक जब आपका बुखार 104 या उससे ज्यादा हो, तब ठंडे पानी की पट्टी करने से फायदा होता है. पट्टी से सिर्फ आपके शरीर का तापमान कम हो सकता है. बुखार किस कारण हुआ है, उस हिसाब से उसका इलाज होता है. वायरल फीवर है तो एंटीवायरल दवाईयां, इंफेक्शन से बुखार होने पर एंटीबैक्टीरियल दवाईयां डॉक्टर देते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह के दवाईयां नहीं खानी चाहिए.
क्या है सही तरीका
आप एक सूती या फिर मुलायम कपड़ा लें.
इसके बाद आप नॉर्मल साफ पानी लें. फिर पट्टी को भिगोकर उसे अच्छे से निचोड़ लें.
आप पट्टी को सिर्फ माथे पर रखने की जगह उसको पूरे शरीर में स्पंज करें.
पीठ, छाती, तलवों पर भी पानी की पट्टी रख सकते हैं.
आप पट्टी शरीर के किसी हिस्से में रखने से पहले उसे दोबारा भिगोकर दूसरे हिस्से पर रखें.
थोड़े-थोड़े टाइम पर पानी को बदल दें.
बुखार होने पर क्या करना चाहिए क्या नहीं
बुखार में शरीर बीमारी या इंफेक्शन से लड़ता है, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा आराम करें.
जितना ज्यादा हो सके बुखार में पानी पिएं. शरीर से टॉक्सिन्स निकलने पर बुखार कम होता है.
आरामदायक कपड़े ही पहनें, कमरे का टेंपरेचर भी नॉर्मल रखें.
बुखार में हेल्दी डाइट लेते रहें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)