Pollution and health: देश में हर तरफ हाहाकार मचने वाला है. प्रदूषण काल बनकर जिंदगियां निगलने को तैयार बैठा है. लोगों को अंदाजा नहीं है कि वो किस अनदेखे काल के गाल में फंसने को तैयार बैठे हैं. अगर हालात ऐसे ही रहे तो वो दिन दूर नहीं जब हर घर में कोई न कोई बीमारियों की चपेट में होगा. देश की राजधानी दिल्ली समेत आसपास के कई इलाकों में इन दिनों वायु प्रदूषण ने तांडव मचा रखा है. दिनों-दिन हालात खराब होते जा रहे हैं. पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) और एम्स के एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
एम्स के एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) और एम्स के एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. स्टडी के मुताबिक जो लोग पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर 2.5) के लंबे समय तक संपर्क में रहते हैं उनमें कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों बढ़ जाते हैं. इसकी वजह से उनका खून गाढ़ा हो जाता है. इसकी वजह से दिल का रक्त को पंप करना मुश्किल हो जाता है. यही एक बड़ी वजह है कि लोगों में इन दिनों ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या भी सामने आ रही है.
नसों के टूटने का खतरा
प्रदूषण में मौजूद छोटे-छोटे कण लोगों के शरीर में प्रवेश कर रहे हैं. ये कण 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम साइज के होते हैं. इसकी वजह से नसों के टूटने का खतरा बढ़ता जा रहा है. कैल्शियम के स्तर लोगों में बिगड़ रहा है. इसकी वजह से लोगों में अचानक कार्डियक अरेस्ट होने का खतरा भी दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है.
समय से पहले मौत के जोखिम
हार्वर्ड के एक अध्ययन के मुताबिक वायु प्रदूषण में मौजूद पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर 2.5) कणों की वजह से लोगों में समय से पहले मौत के जोखिम बढ़ सकता है. फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोगों को इससे दिक्कत बढ़ सकती है.
तेजी से फैल रही हैं ये बीमारियां (How many diseases are caused by pollution)
प्रदूषण बढ़ने की वजह से लोगों का सांस लेना तक दुश्वार होता जा रहा है. प्रदूषण की वजह से अस्थमा, सीओपीडी और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. वहीं नाक से संबंधित एलर्जी लोगों घेरती जा रही है. किसी को बार-बार छींक आ रही है तो कोई साइनस की गिरफ्त में फंसता जा रहा है. नाक बहना, छींक आना, आंखों में जलन और गले में खिंचाव जैसी परेशानी हर कोई महसूस कर रहा है. इतना ही नहीं प्रदूषण दिल के मरीजों को भी ट्रिगर कर रहा है. इन दिनों दिल के दौरे, स्ट्रोक के मामले भी बढ़ सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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