Sleep At Work: ऑफिस में क्या आपको भी अक्सर झपकी या नींद आती रहती है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि ऐसे आप अकेले नहीं हैं. अमेरिका में एक कर्मचारी-आधारित स्वास्थ्य संस्थान ने 1,139 कर्मचारियों पर एक अध्ययन किया जिसमें पाया गया कि कम से कम 15% लोग इस समस्या से परेशान हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, दिन में या ऑफिस में नींद आने का प्रमुख कारण आपकी रात की नींद पूरी न होने को माना जाता है. यदि आप रात में 6-8 घंटे की नींद नहीं ले रहे हैं या फिर नींद बार-बार टूट जाती है तो इसके कारण आप दिन में भी नींद महसूस कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी ये दिक्कत हो सकती है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
ऐसे करें ऑफिस की नींद को कंट्रोल
ज्यादा देर कुर्सी पर न बैठें
ऑफिस में नींद आने पर एक ही कुर्सी पर ज्यादा देर न बैठें. काम के बीच में थोड़ा समय टहलने के लिए भी निकाला करें. लंच के बाद आने वाली नींद को दूर भगाने के लिए अगर आप भी चाय-कॉफी पीते हैं, तो इससे बेहतर है कि बीच-बीच में कुछ ब्रेक्स लेकर चलने-फिरने की आदत डाल लें. इससे आलस भी दूर होता है.
8 घंटे की नींद जरूर लें
ऑफिस में अगर आपकी शिफ्ट 8 से 9 घंटे की रहती है तो पर्याप्त नींद लेना भी काफी ज्यादा जरूरी है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुए एक अध्ययन की मानें, तो नींद की कमी से स्ट्रोक और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा दोगुना हो सकता है. ऐसे में आप ऑफिस से घर आने के बाद कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें.
सोने से पहले गैजेट्स से बनाएं दूरी
रात में सोने से पहले गैजेट्स से दूरी बनाएं.अच्छी नींद पाने के लिए जरूरी है कि आपके बिस्तर से मोबाइल और लैपटॉप जैसे गैजेट्स दूर रखे हों, जिससे ध्यान न भटके और आप समय से सो सकें. बता दें, सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बिताने से भी नींद की कमी देखने को मिलती है, ऐसे में कम से कम सोने से 1 घंटा पहले ही इससे दूर हो जाएं.
सोने-जागने का शेड्यूल फिक्स करें
सोने-जागने का शेड्यूल फिक्स करें. अगर आपका शेड्यूल रोजाना आए-दिन चेंज नहीं होता है, तो कोशिश करें कि सोने और जागने का एक फिक्स टाइम बना लें. इससे आपका रूटीन तय हो जाएगा और शरीर को एक समय पर सोने और उठने की आदत हो जाएगी, जिससे ऑफिस में नींद परेशान नहीं करेगी.
रात को हल्का भोजन करने की कोशिश करें
ऑफिस में नींद न आए इसके लिए रात में तला-भुना खाने से बचें. अगर हम ऐसा खाना खाते हैं, जो पचने में वक्त लेता है, तो इससे भी नींद की समस्या देखने को मिलती है. बता दें, कि डिनर हमेशा हल्का ही होना चाहिए, और खाने और सोने के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर तो होना ही चाहिए.
Disclaimer सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
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