काफी लोगों को लगता है कि लड़कियां जानबूझकर मूड स्विंग का ड्रामा कर रही है. लेकिन ऐसा नहीं है, इसके पीछे बायोलॉजिकल कारण है. वहीं काफी लोगों का मानना होता है कि महिलाओं को समझना काफी ज्यादा मुश्किल होता है. लेकिन इसे समझना हर किसी के लिए जरूरी है. आप इसे समझेंगे तभी तो आप अपने पार्टनर को पीरियड्स में सपोर्ट करेंगे. वहीं पीरियड्स के टाइम एक महिला काफी सारी दिक्कत झेलती है. मूड स्विंग्स काफी नेचुरल रिएक्शन है. यह तब होते है, जब महिला मेंस्ट्रुअल साइकिल करे टाइम हॉर्मोनल फलक्चुएशन फील करती हैं. वहीं एक्सपर्ट ने बताया कि पीरियड्स से पहले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल गिर जाता है. इससे मूड स्विंग, क्रेविंग, सूजन, सिरदर्द और इरिटेशन होती है. आज हम आपको बताएंगे कि आप किन तरीकों से मूड स्विंग को कंट्रोल कर सकते हैं.
मीठा कम खाए
अगर आप ज्यादा चीनी या फिर ज्यादा मीठा खाते हैं, तो आप इसको खाना कम कर दें. इससे आपका एनर्जी लेवल कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है. जो कि आपके मूड स्विंग को खराब कर सकता है. इसके लिए बेहतर है कि आप स्वीट फूड्स की जगह बैलेंस्ड डाइट खाएं जिससे आप एनर्जी और मूड स्विंग दोनों को मेंटेन कर सकते हैं.
शराब से दूरी
अगर आप पीरियड्स में शराब पी रहे हैं, तो इससे मूड स्विंग और ज्यादा बढ़ जाता है. शराब से परहेज करने से इमोशन को शांत रखने और इसे मेंटेन करने में काफी मदद मिलती है.
अच्छी नींद लें
अगर आप पीरियड्स में अच्छी और सुकून भरी नींद लेंगे. तो इससे आपके हार्मोन रेगुलेट होंगे और मूड स्विंग के इम्पैक्ट को कम करने में मददगार होती है.
एक्सरसाइज
रेगुलर फिजिकल एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन रिलीज होता है, जिसे हैप्पी हार्मोन के रूप में जाना जाता है, जो स्वाभाविक रूप से आपके मूड को बढ़ा सकता है.
अपनी फीलिंग एक्सप्रेस करें
आप अपने विचारों और भावनाओं को लिखें और साथ ही अपनी फीलिंग को भी एक्सप्रेस करें और टाइम के साथ मूड पैटर्न को ट्रैक कर सकते है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)