Salt & Sugar: नमक और चीनी के थ्रू आप रोज खा रहे हैं जहर, रिसर्च ने किया ड़राने वाला खुलासा

आए दिन हर कोई अपनी जिंदगी में नमक और चीनी का सेवन करता है. नमक और चीनी दोनों ही हमारी जिंदगी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. वहीं एक रिसर्च ने खुलासा किया है कि यह दोनों चीजें ही हमारे लिए खतरनाक है. इन दोनों ही चीजों में जहर होता है. 

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Nidhi Sharma
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Salt & Sugar:अगर हम नमक कम या ज्यादा खाते है, तो वह हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. वहीं अगर हम चीनी ज्यादा खाते है, या फिर खाना ही छोड़ देते है. तो हमारे शरीर पर इसका काफी ज्यादा असर होता है. हमारे शरीर के लिए नमक और चीनी दोनों ही इंपोर्टेंट है. नमक और चीनी पैकेज्ड हों या अनपैक्ड में माइक्रोप्लास्टिक्स होते हैं. वहीं एक रिसर्च ने खुलासा किया है कि यह दोनों चीजें ही हमारे लिए खतरनाक है. इन दोनों ही चीजों में जहर होता है. 

चीनी और नमक में होता है ये जहर 

रिसर्च ने बताया कि नमक और चीनी में माइक्रोप्लास्टिक्स जो होते है, वो 10 तरह के होते है. वहीं इन 10 तरह के नमक में टेबल नमक, सेंधा नमक, समूद्री नमक और कच्चा नमक शामिल है. वहीं रिसर्च में बताया गया कि नमक और चीनी में फाइबर, छर्रे, फिल्म और टुकड़ों के साथ कई तरह के माइक्रोप्लास्टिक्स होता है. इनका आकार 0.1 मिमी से 5 मिमी तक होता है. नमक आयोडिन से भरपूर होता है और उसमें सबसे ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक होता है. वहीं रिसर्च में पता चला है कि नमक और चीनी में जो माइक्रोप्लास्टिक्स पाया गया है, वो चिंता का विषय है. साथ ही इसका असर इंसान के स्वास्थ पर माइक्रोप्लास्टिक्स का काफी ज्यादा असर पड़ता है. 

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चीनी और नमक में कितना होता है जहर 

वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि नमक में जो माइक्रोप्लास्टिक्स की सांद्रता सूखे वजन के प्रति किलोग्राम 6.71 से 89.15 टुकड़ों के बीच थी. वहीं जिस नमक में आयोडिन होता है, उसमें माइक्रोप्लास्टिक्स की सांद्रता सबसे अधिक 89.15 टुकड़े प्रति किलोग्राम थी, जबकि जैविक सेंधा नमक में सबसे कम 6.70 टुकड़े प्रति किलोग्राम थी. वहीं चीनी में इसकी सांद्रता 11.85 से 68.25 टुकड़े प्रति किलोग्राम तक थी. जिसमें सबसे ज्यादा कार्बनिक चीनी में पाई गई है. वहीं यह स्वास्थय और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदायक है.  छोटे प्लास्टिक कण भोजन, पानी और हवा के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. हाल के शोध में मानव अंगों जैसे फेफड़े, हृदय और यहां तक ​​कि स्तन के दूध और अजन्मे शिशुओं में भी माइक्रोप्लास्टिक पाया गया है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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