Baby Boy Or Baby Girl: जब भी कोई महिला प्रेग्नेंट होती है, तो उसके मन में यही रहता है कि उसका होने वाला बच्चा स्वस्थ और तंदरुस्त रहे. प्रेग्नेंसी के बाद हर महिला की लाइफस्टाइल बदल जाती है. ऐसे में कई बार उनके मन में एक सवाल आता है, जिसका उनके पास जवाब नहीं होता. हालांकि आज के समय में ये मायने नहीं रखता कि उनका होने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की, लेकिन अक्सर प्रेग्नेंट महिलाएं और उनका परिवार यही सोचता है कि अगर उन्हें ये पहले से पता होगा कि उनके घर में आने वाला मेहमान बेबी गर्ल है या बेबी बॉय तो उन्हें फ्यूचर प्लान करने में आसानी होगी. ऐसे में अगर आप भी चाहते हैं कि आपका होने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की तो यहां दिए कुछ आसान टिप्स की मदद से पता कर सकते हैं.
ऐसे पता करें होने वाला बच्चा लड़का है या लड़की
पहले के समय में पुरानी महिलाएं प्रेग्नेंट लेडी को देखकर ही बता देते थे कि होने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की. क्योंकि प्रेग्नेंसी के बाद शरीर में कई सारे बदलाव आते हैं. ऐसे में लोगों का मानना होता है कि इस समय अगर स्किन ड्राई हो रही हो तो बेटा हो सकता है और अगर आपकी स्किन ऑयली हो रही है तो बेटी होगी. इतना ही नहीं अगर प्रेग्नेंट लेडी के चेहरे पर एक्ने और मुंहासे आने लगे तो माना जाता था कि होने वाला बच्चा बेटी होगी. पुराने जमाने में प्रेग्नेंट महिलाओं के उठने-बैठने उनके पेट की शेप से भी पता चल जाता है कि लड़का होने वाला है या लड़की.
पैरो के आकार से पता लगाएं
अगर प्रेग्नेंसी में आपके पैर बाकी दिनों की तुलना में ज्यादा ठंडे हो रहे हैं, तो इससे आप समझ सकती हैं कि बेटा होने वाला है. वहीं पैरों के तापमान में कोई बदलाव न आने का मतलब हो सकता है कि बेटी होगी. पैरों के साइज में बदलाव आने का संबंध भी बेबी के जेंडर से बताया जाता है. अगर पैर का आकार लगभग दोगुना हो जाए, तो इसे बेटा होने का संकेत माना जाता है. वहीं अगर इसमें कोई बदलाव न आए तो कहते हैं बेटी होगी.
डॉक्टर्स का क्या कहना है?
बता दें कि इन बातों को साइंटिस्ट पूर तरह गलत मानते हैं क्योंकि उनका मानना है कि बच्चे के लिंग का पता डॉक्टर से ही चल सकता है. लेकिन ये 10 सप्ताह की उम्र में ही पता लगाया जा सकता है. ऐसे में मेडिकल साइंस के अनुसार गर्भ में लड़का है या लड़की यह पूरी तरह से पुरुष के क्रोमोसोम पर निर्भर करता है. जानकारी के लिए बता दें कि हर किसी के पास 23 क्रोमोसोम का पेयर होता है.महिला के क्रोमोसोम XX होते हैं. वहीं पुरुष के क्रोमोसोम XY होते हैं. जब महिला का X और पुरुष का Y क्रोमोसोम से मिलता है तो XY कोमोसोम बनता है. इससे लड़के का जन्म होता है. इसका साफ अर्थ है कि किसी भी नवजात शिशु का जेंडर लड़का या लड़की पुरुष पर निर्भर करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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