Advertisment

लाखों की है कश्मीर की कानी शॉल, पार्टी में करें ट्राय , मिलेगा रॉयल लुक

कश्मीर की सुंदर वादियों के बारे में तो आप सबने सुना होगा, लेकिन क्या आप यहां की कानी शॉल के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे इस शॉल की खासियत और कीमत के बारे में, जिन्हें सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे.

author-image
Pooja Kumari
New Update
sfd

Kashmiri Kani shawl: यूं तो कश्मीर का नाम सुनते ही हमारे जहन में सबसे पहले यहां की खूबसूरत डल लेक का नजारा आंखों के सामने घूमने लगता है. बता दें कि सर्दियों के समय में टूरिस्ट यहां बर्फबारी देखने के लिए आते हैं. कश्मीर की सुंदर झीलें, बर्फ से ढंके पहाड़ और हरे-भरे मैदान लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां की खूबसूरती देखने आते हैं. ऐसे में कश्मीर में कई ऐसी चीजें हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ऐसे में आज हम आपको कश्मीर की एक ऐसी चीज के बारे में आपको बताएंगे, जिसका इतिहास मुगल काल से भी पुराना है. बता दें कि यहां की रंग बिरंगी शॉल, जिसे बनाने में एक महीने से लेकर एक साल तक का समय भी लग जाता है. इसे कश्मीर की खूबसूरत वादियों में तैयार किया जाता है. इस शॉल को पश्मीना ऊन से लकड़ी की सलाइयों पर बनाया जाता है, जिन्हें कानी कहते हैं.

Advertisment



3-4 साल का लगता है समय 

जानकारी के मुताबिक मुगल शासन काल में इसे काफी पसंद किया जाता था. इस सैकड़ों साल के इतिहास को आज के प्राचीन कला में भारत के कारीगर आज नए रंग भर रहे हैं. कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में पहली बार फारसी और तुर्की बुनकर इस कला को कश्मीर लाए थे. कई बार इस शॉल को बनाने में 3-4 साल का वक्त भी लग जाता है, जिसके लिए कारीगरों में धैर्य का होना बहुत जरूरी है. जानकारी के मुताबिक इसे कालीन की बुनाई की तरह ही तैयार किया जाता है. एक दिन में ये 1-2 सेंटीमीटर ही तैयार हो पाती है, बाकी ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि कारीगर को कैसे डिजाइन बनाने के लिए दिया गया है. क्योंकि जितना बारीक डिजाइन होगा, उसे बनाने में उतना ही ज्यादा समय लगता है. 



कानी शॉल की खासियत 

कानी शॉल की सबसे खास चीज इसका रंग सिद्धांत (Color Theory) है, जो कि हमेशा से ही प्रकृति से प्रेरित रही है.  आज कानी शॉल को श्रीनगर से करीब 20 किलोमीटर दूर, एक छोटे-से गांव कानीहामा में तैयार किया जाता है. लोग दूर-दूर से इस शॉल को लेने के लिए आते हैं. इसकी खूबसूरत डिजाइन और कलर ही इसे लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. कहा जाता है कि भारत में राजा-महाराजाओं के समय में कानी शॉल का इस्तेमाल किया जाता था. इस शॉल को बनाने की कला के लिए कश्मीर के आठवें सुल्तान गयास-उद-दीन ने ज़ैन-उल-अबिदीन से वाकिफ कराया गया था. मुगल राजाओं के समय उनके पोशाक की शोभा बढ़ाने के लिए इस शॉल का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं इस शॉल के कीमत की बात करें तो इस शॉल की कीमत लगभग पांच लाख रुपये होती है. कई बार डिजाइन के ऊपर भी इसकी कीमत निर्भर करती है. 

ये भी पढ़ें: एंग्जायटी और डिप्रेशन से पाना है छुटकारा तो करें ये काम, मिनटों में मिलेगी राहत

Kashmiri Kani shawl Kani Shawl look Kani Shawl price
Advertisment
Advertisment