Muslim Transgender: किन्नर समुदाय के प्रति लोगों में हमेशा जिज्ञासा बनी रहती है. जब भी हम किसी मांगलिक अवसर, सड़कों या फिर ट्रेन में इनको देखते हैं तो मन में कई सवाल आते हैं. जैसे ये कहां रहते हैं, क्या इनकी भी शादी होती है ? सबसे बड़ा सवाल की किन्नर की मृत्यु के बाद उसके शव के साथ क्या होता है? उनका अंतिम संस्कार कौन करवाता है? वहीं अगर किन्नर मुस्लिम हो तो ये जिज्ञासा अधिक बढ़ जाती है. अलग-अलग लोगों से किन्नरों से जुड़ी अलग-अलग बातें अक्सर सुनने को मिलती हैं. लेकिन अधिकांश बातों में कोई सच्चाई नहीं होती है. अगर कोई किन्नर मुस्लिम समुदाय से है तो उसका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है, ये अक्सर लोग जानना चाहते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या मुस्लिम समुदाय में जूते चप्पल से मारा जाता है?
किन्नर समुदाय से जुड़ी कई बातें प्रचलित हैं. उनसे जुड़ी कई भ्रान्तियां समाज में फैली हुई हैं. जैसे जब किसी मुस्लिम किन्नर की मृत्यु हो जाती है तो अंतिम संस्कार करने से पहले उसके साथी या फिर उसका गुरु किन्नर के शव को जूते-चप्पलों से पीटता है. किन्नरों का अंतिम संस्कार हमेशा रात में किया जाता है, ताकि उसे कोई देख ना सके. लेकिन इन सब बातों में कोई सच्चाई नहीं है. जब किसी मुस्लिम किन्नर की मृत्यु हो जाती है तो उसके साथी उसी तरह से शोक मनाते हैं जैसे अन्य लोग अपनों के जाने का शोक मनाते हैं.
जानिए कैसे होता है मुस्लिम किन्नर का अंतिम संस्कार
मुस्लिम किन्नर (Muslim Transgender)को दफनाया जाता है या फिर जलाया जाता है इसे लेकर भी कई लोगों के मन में शंका होती है. उनके शव के साथ क्या किया जाता है ये भी लोग जानना चाहते हैं. तो इसका जवाब ये है कि अगर कोई किन्नर मुस्लिम समुदाय से है तो उसका अंतिम संस्कार इस्लामिक तरीके से होता है. यानि उसे पूरे रिवाज के साथ दफनाया जाता है. इसके विपरीत अगर कोई किन्नर हिंदू समुदाय से है तो उसका अंतिम संस्कार हिंदू धर्म के अनुसार होता है. यानी उसे हिंदू रिवाज के हिसाब से जलाया जाता है.
ये लोग करवाते हैं किन्नर का अंतिम संस्कार
पहले जब किसी किन्नर का अंतिम संस्कार करने के लिए कब्रिस्तान या श्मशान ले जाया जाता था तो बहुत गलत बर्ताव किया जाता था. उन्हें वहां से लोग भगा देते थे, लेकिन अब काफी हद तक ऐसा नहीं होता है. किन्नर का अंतिम संस्कार उसके साथी करवाते हैं. किन्नरों के साथ सिर्फ किन्नर समाज के लोग ही नहीं रहते हैं. इनके साथ गाने-बजाने वाले लोगों के अलावा भी कई लोग रहते हैं. ये किन्नर नहीं होते हैं. किसी किन्नर की जब मृत्यु हो जाती है तब यही लोग किन्नर का अंतिम संस्कार करवाते हैं. यही लोग किन्नर की अंतिम यात्रा में शामिल होते हैं. इसके साथ ही पूरे रीति-रिवाज से उसका क्रिया कर्म भी करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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