प्रेग्नेंसी का जो सफर होता है ना वो एक महिला के लिए सबसे खास होता है. मां शब्द महज सिर्फ एक शब्द नहीं है. इस शब्द में ना जानें कितनी ताकत छुपी हुई है. वहीं इन दिनों सेलिब्रिटीज से लेकर नॉर्मल महिलाएं भी मैटरनिटी फोटोशूट करवा रही है. वहीं यह काफी ट्रेंड में भी बना हुआ है. अपने इन खास पलों की तस्वीर लोग सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर करते रहते है. वहीं कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल शोऑफ करने के लिए भी करते है. आइए आपको बताते है कि क्यों है ये ट्रेंड में और कब आपको सोशल मीडिया पर अपनी प्रेग्नेंसी अनाउंस करनी चाहिए.
प्रेग्नेंसी का सफर
एक्सपर्ट के अनुसार हर महिला की प्रेग्नेंसी का सफर अलग-अलग होता है. इस खूबसूरत सफर को पब्लिक करना है या नहीं, यह कपल्स का निजी फैसला होता है. पहले के समय में महिलाएं डिलीवरी के अंतिम दिनों तक प्रेग्नेंसी की बात छुपाती थीं. आज भी कई महिलाएं चुन्नी या साड़ी के पल्ले से अपना पेट छुपा लेती हैं. लेकिन हर महिला एक जैसी सोच की नहीं होती. कुछ अपने इस सफर को बिना छुपाए खास बनना चाहती हैं, तो कुछ महिलाओं को बेबी बंप दिखाना पसंद होता है.
मैटरनिटी फोटो ले एंग्जायटी की दिक्कत
एक्सपर्ट बताते है कि सोशल मीडिया पर कई खूबसूरत मैटरनिटी फोटोशूट दिखते है. जिसे देखकर बाकि महिलाओं को लगता था कि प्रेग्नेंसी बहुत आसान होती है लेकिन जब वह खुद प्रेग्नेंट हुईं तब उन्हें एहसास हुआ कि वह गलत थीं. प्रेग्नेंसी में बहुत तकलीफ होती है. महिला अपनी बॉडी शेप, सूजन, मूड स्विंग्स और खाने का पैटर्न बदलने से बहुत परेशान रहती है. कहीं ना कहीं यह मैटरनिटी फोटोशूट बाकी महिलाओं को एंग्जाइटी और लो सेल्फ एस्टीम का शिकार बनाते हैं.
कहां से शुरु हुआ ट्रेंड
बॉलीवुड से पहले हॉलीवुड में 1991 में मैटरनिटी फोटोशूट का रिवाज शुरू हुआ. डेमी मूरे पहली हॉलीवुड एक्ट्रेस थीं जिन्होंने एक मैगजीन के लिए न्यूड मैटरनिटी फोटोशूट किया. इसके बाद बेयोंसे, ब्रिटनी स्पेयर जैसे कई सेलिब्रिटीज ने प्रेग्नेंसी में ऐसे फोटोशूट करवाए.
सोशल मीडिया पर कब करें प्रेग्नेंसी अनाउंस
इन दिनों सोशल मीडिया पर लोग तुरंत गुड न्यूज अनाउंस कर देते हैं. लेकिन वहीं एक्सपर्ट बताते है कि लोगों को प्रेग्नेंसी अनाउंसमेंट में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. अगर कोई कपल अपने दोस्तों या फिर रिशतेदारों से यह गुड न्यूज शेयर करना चाहते हैं तो वह इसके लिए प्रेग्नेंसी के 14 हफ्ते तक इंतजार करें. एक्सपर्ट के अनुसार यह हफ्ते प्रेग्नेंसी की खबर देने के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं क्योंकि प्रेग्नेंसी आसान नहीं होती और 6 में से 1 महिला प्रेग्नेंसी के पहले 3 महीने में मिसकैरेज का शिकार हो जाती है. यानी प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में 80% मिसकैरेज की आशंका बनी रहती है.
ये भी पढ़ें - गजब! यहां बच्चा पैदा करने पर सरकार दे रही मुंह मांगा इनाम, गाड़ी-बंगला ले कर क्या-क्या पा रही महिलाएं
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)