जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे हमारा शरीर और उसके अंग भी बूढ़े होने लगते हैं. जिनका साफ असर हमारी दैनिक क्रियाओं पर पड़ता दिखाई पड़ता है. इसका प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर भी पड़ता है और वह सिकुड़ने लगता है. 60 की उम्र आते-आते तो इसके लक्षण साफ दिखाई देने लगते हैं. विज्ञान की भाषा में कहें तो उम्र बढ़ने के साथ हमारे ब्रेन का वॉल्युम कम होता जाता है. जिससे हमें रोजमर्रा के जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस समस्याओं में हमारी याददाश्त कमजोर होना, फोकस करने में परेशानी आना और एक साथ दो काम यानी मल्टी टास्किंग काम करने में दिक्कत आना आदि शामिल हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार उम्र पढ़ने का सबसे ज्यादा असर दिमाग पर पड़ता है. हालांकि बॉडी के अन्यों अंगों पर भी इसका असर पड़ता है, लेकिन दिमाग अपेक्षाकृत ज्यादा प्रभावित होता है. उम्र पढ़ने के साथ-साथ दिमाग में कई तरह के बदलाव महसूस होने लगते हैं. इन बदलावों में चीजों को भूलने की आदत पड़ जाना, अधिकांश कामों में दूसरों की मदद की जरूत पड़ना और किस बात पर फोकस न कर पाना आदि शामिल हैं. ऐसे में अगर आपको भी कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहें हैं, जिनसे आपको अपने दिमाग की सही स्थिति का पता चल जाएगा.
भूलने की समस्या- 60 की उम्र आते-आते हमारी याददाश्त में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. हालांकि ये बदलाव काफी साधारण होते हैं, जिसकी वजह से हम इन पर गौर नहीं कर पाते. अगर ऐसे लक्षणों की बात करें तो जैसे घर या गाड़ियों की चाबियों का भूलना, फोन या कम्प्यूटर का पासवर्ड भूलना या दोस्तों का नाम याद रखने में परेशानी आना आदि. ये लक्षण उम्र से जुड़ी मेमोरी लॉस में आते हैं.
गलत डिसीजन लेना- अगर आपको कुछ फैसले लेने या तय कर पाने में दिक्कत पेश आती है तो ये आपके दिमाग को बुढ़ापा आने के संकेत हो सकते हैं. इसका भी मुख्य कारण याददाश्त कमजोर पड़ना माना जा सकता है.
दिखाई देने में प्रॉब्लम आना- अगर आपको दिखाई देने संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो यह भी बढ़ती उम्र के प्रभावों का संकेत हो सकता है. ऐसे में आपको अलर्ट रहने की जरूरत है.
मूड का जल्दी-जल्दी बदलना- कई बार आपने देखा होगा की उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव नजर आने लगता है. ऐसे में मूड का जल्दी जल्दी बदलना आदि भी दिमाग में बुढ़ापे के लक्षणों के दर्शाते हैं.
तनाव- बात-बात पर टेंशन या घबराहट होना भी ऐसे ही लक्षणों में शामिल हैं. ऐसे में डिप्रेशन यानी एंग्जाइटी की समस्या आम है.
Source : News Nation Bureau