Ayurvedic Tips For Digestion: पाचन की समस्याएं आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है. इसके कारणों की बात करें तो यह मुख्य रूप से लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या है. समय पर खाना न खाना, खाने के तुरंत बाद सोना, एक्सरसाइज न करना, पेट भरे पोने पर भी खाना, देर रात खाना ये कुछ ऐसी आदतें हैं जो पाचन क्रिया को कमजोर करती है. मैटाबॉलिज्म कमजोर होने पर भी पाचन क्रिया ठीक नहीं रहती है. जिससे कब्ज की समस्या और गैस से जुड़ी तकलीफ की सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, आयुर्वेद के हिसाब से कुछ नियम ऐसे हैं जिनके उपयोग से आप पाचन की सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार खाने को लेकर कुछ ऐसे नियम हैं जो आपके पाचन शक्ति को ठीक करता है. जो जानिए वो नौ आयुर्वेदिक दिशानिर्देश जिनको अपनाने से आपका पाचन दुरुस्त हो सकता है.
- भूख लगने पर ही भोजन करें. जब आपका पिछला भोजन पूरी तरह से पच चुका हो और उसके बाद जब भूख का एहसास हो तभी खाना खाना चाहिए. कभी-कभी ऐसा लगता है कि हम भूखे हैं, लेकिन, ऐसा तब भी महसूस होता है जब आप डिहाइड्रेशन के शिकार होते हैं. शरीर के अनुरूप वास्तव में भूख लगने पर ही कुछ खाएं.
- शान्त और आरामदायक स्थान पर भोजन करें. जब आप खाते हैं तो आराम से बैठें और जितना संभव हो उतना शांत रहें. खाने के समय टीवी, किताब, फोन और लैपटॉप का प्रयोग बिल्कुल भी न करें.
- सही मात्रा में खाएं. हम सभी अलग-अलग हैं, अलग-अलग जरूरतें और अलग-अलग पेट के आकार हैं. वहीं, सभी लोगों का मैटाबॉलिज्म भी अलग-अलग होता है, इसलिए अपनी बॉड़ी की क्षमता के अनुसार भोजन करना चाहिए.
- गर्म भोजन करें. ताजा पकाए भोजन का सेवन करें. सीधे फ्रिज से बाहर निकाल गए खाने के सेवन से बचें. फ्रिज में रखी हुई चीजों का सेवन करने पाचन शक्ति कमजोर होती है. जाता खाना पेट की अग्नि को सुरक्षित रखते हैं, जो कि पाचन एंजाइमों को कुशलता से काम करने में मददगार होता है.
- गुणवत्तापूर्ण भोजन करें. सुनिश्चित करें कि आपका भोजन रसदार या थोड़ा तैलीय हो क्योंकि इससे पाचन में आसानी होगी. इससे पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार होगा. ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो बहुत अधिक सूखे हों.
- ऑड खाद्य पदार्थों को एक साथ न खाएं. इससे पेट खराब हो सकता है. असंगत खाद्य पदार्थों में से कुछ फल और दूध, मछली और दूध आदि हैं.
- भोजन करते समय अपना ध्यान खाने पर लगाएं. अपनी सभी 5 इंद्रियों का प्रयोग करें. अपने भोजन की महक, अपनी थाली की बनावट, अपने भोजन की बनावट, विभिन्न स्वादों, और जब आप खाते हैं तो आपके द्वारा की जाने वाली आवाज के सुनें इससे भोजन को पचने में सहायता मिलती है.
- जल्दी-जल्दी भोजन न करें. अपने भोजन को सिर्फ निगलें नहीं, चबाने के लिए समय लें. चबाना पाचन का एक आवश्यक चरण है.
- नियमित समय पर भोजन करें. प्रकृति चक्र और नियमितता पसंद करती है इसलिए आपको इसका पालन करना चाहिए.