भारत में सदियों से आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग किया जा रहा है. जब एलोपैथिक दवाएं मार्केट में नहीं आई थी तब से लेकर अब तक आयुर्वेदिक उपचार किया जा रहा है. 70% जनता बालों की समस्या (hair problems) से परेशान रहती है. और इससे निपटने के लिए ना जाने कितने तरह- तरह के उपाय करते रहते हैं. आपको बता दें बालों की समस्या से निपटने के लिए गुड़हल का फूल (benefits of hibiscus for hair) रामबाण होता है. क्यूंकि गुड़हल झड़ते बालों से लेकर बालों का सफेद होना, बालों की चमक और बालों में डैंड्रफ जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आपको गुड़हल का किन तरीकों से सभी समस्याओं से निपटने के लिए इस्तेमाल करना है.
डैंड्रफ की समस्या को करता है दूर
गुड़हल बालों में हो रही डैंड्रफ की समस्या से निजात दिलाता है. अगर आप गुड़हल के फूलों और पत्तों को पीसकर पाउडर बनाकर हिना पाउडर में मिक्स कर के इस्तेमाल करते हैं तो आपको डैंड्रफ की समस्या से जरूर आराम मिलता है. बेहतर रिजल्ट के लिए आप इसमें आधा नींबू भी डाल सकते हैं और उसे अपने बालों पर लगा सकते हैं. इसको लगाने के एक घंटे बाद बालों को धो लें. इससे आपकी डैंड्रफ की समस्या दूर हो जाएगी.
बालों की चमक को बढ़ाने में करता है मदद
अगर आप गुड़हल के 5 फूल और 5 पत्तियां को सुखाकर उनका पेस्ट बनाकर, इसमें एक चम्मच बादाम तेल या जैतून का तेल मिलाकर अपने बालों में लगाती हैं तो यह आपके बालों की चमक को बढ़ाने में मदद करता है. इस पेस्ट को 30 मिनट के लिए बालों पर लगाएं और फिर गुनगुने पानी से बालों को धो लें. ऐसा करने से आपके बालों को पोषण भी मिलता है और आपके बालों में शाइनिंग भी आती है.
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बालों को सफेद होने से भी बचाता है
गुड़हल के फूल में एमीनो एसिड होते हैं जो बालों को पोषण प्रदान कर उनकी ग्रोथ में हेल्प करता है. जो लोग बालों के सफेद होने से परेशान रहते हैं उनके लिए सबसे अच्छा उपाय यह है कि एक समान मात्रा में गुड़हल पाउडर और आंवला पाउडर को पानी की मदद से मिक्स कर के पेस्ट बनाकर 40 मिनट तक बालों में लगा लें. इससे आपके बालों की स्ट्रेंथ भी बढ़ जाती है और बाल जल्दी से सफेद भी नहीं होते हैं.
स्कैल्प को रखता है स्वस्थ्य
अगर आप गुड़हल की पत्तियों को सुखाकर उसको नीम की पत्तियों के साथ पीस लेते हैं और इसमें नारियल तेल मिलकर अपने स्कैल्प में लगाते हैं तो इससे आपका स्कैल्प स्वस्थ्य रहता है और आपको बालों से जुड़ी किसी भी समस्या को नहीं झेलना पड़ता है. ऐसा करने से आपको स्कैल्प से जुड़ी कोई बीमारी भी नहीं होती है.