एक ऐसा योग, जो आपको ठंडक देता है!... दरअसल हम सभी ने सूर्य नमस्कार के बारे में जरूर सुना होगा. सूर्य नमस्कार- 12 आसनों का वो नमस्कार, जिसे करते वक्त हम गहरी सांस लेते हैं, साथ ही साथ अपने शरीर को स्ट्रेच कर खुद को एक शांत मुद्रा में ले जाते हैं. मगर हम में से कई लोग ऐसे होंगे, जिन्होंने शायद कभी चंद्र नमस्कार के बारे नहीं सुना होगा. जी हां, चंद्र नमस्कार भी होता है, और काफी ज्यादा प्रभावी भी होता है. आज इस खबर में आइये समझते हैं कि आखिर क्या होता चंद्र नमस्कार और इसे करने के क्या-क्या हैं फायदे... तो चलिए शुरू करते हैं.
चंद्र नमस्कार क्या है: चंद्र नमस्कार दरअसल एक प्रकार का योग आसन है. इसमें हम शरीर के विभिन्न अंगों को स्ट्रेच करते हैं, जिसका फायदा हमारी मांसपेशियों और शरीर के बाकी अंगों तक पहुंचता है. जैसा कि नाम से ही जाहिर है, चंद्र नमस्कार रात के वक्त किया जाने वाला आसन है. ये न सिर्फ हमारे शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी ज्यादा लाभदायक है. चंद्र नमस्कार हमें ठंडक तो देता ही है, साथ ही साथ सांस और इंद्रियों के बीच मजबूत संबंध भी बनाता है. हालांकि इसका अभ्यास करते वक्त ध्यान रखें कि आपके पेट खाली हो.
चंद्र नमस्कार कैसे करें: चंंद्र नमस्कार के लिए पहले प्रार्थना मुद्रा में खुद को खड़ा कर लें, इसके बाद अपनी बाहें ऊपर की तरफ उठाएं और एक गहरी सांस भरे, अब धीरे-धीरे पीछे की तरफ झुकते रहें. कोशिश करें कि आपका सिर घुटनों से छुए. अब दाहिने पैर को पीछे की ओर धकेलें, लेकिन याद रहे कि आपका पैर जमीन से ना उठे. अब दूसरे पैर के साथ भी वैसा ही करें, और फिर प्लैंक पोजीशन में आ जाएं. ये हो गया आपका चंद्र नमस्कार...
हालांकि ये भी जान लें कि चंद्र नमस्कार, सूर्य नमस्कार के बिल्कुल उलट है. चंद्र नमस्कार से शरीर की ऊर्जा नीचे की ओर प्रवाहित होती है, जिससे शरीर के निचले हिस्से को फायदा पहुचंता है. साथ ही इससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है और मांसपेशीयों का समूह भी जुड़ा रहता है.
Source : News Nation Bureau