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Chhath Maiya Ke Geet: इन गानों के बिना अधूरी है Chhath Puja

Chhath Maiya Ke Geet: देशभर में छठ पूजा का पर्व को बड़े धूम धाम के साथ के साथ मनाया जा रहा है. इस पर्व की शुरुआत 05 नवंबर 2024 नहाए-खाय से हो गई है. दूसरे दिन खरना पूजा और आज यानी 07 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.

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Rajvant Prajapati
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Chhath Maiya Ke Geet

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Chhath Maiya Ke Geet: देशभर में छठ पूजा का पर्व को बड़े धूम धाम के साथ के साथ मनाया जा रहा है. इस पर्व की शुरुआत 05 नवंबर 2024 नहाए-खाय से हो गई है. दूसरे दिन खरना पूजा और आज यानी 07 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. इस महापर्व के दौरान बेहद खास रौनक देखने को मिलती है. हर जगह लोग घरों और घाटों पर छठी मैया के गीत और भजन गाते हैं. ऐसे में अगर आप भी छठ पूजा के दिन गीत और भजन से माहौल को भक्तिमय बनाना चाहते हैं, तो आज हम आपको इस आर्टिकल में छठी मैया के बेस्ट गीत के बारे में बताएंगे.

छठी मईया व्रत गीत पहिले पहिल हम कईनी-

पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार.
करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार.
सब के बलकवा के दिहा, छठी मईया ममता-दुलार.

पिया के सनईहा बनईहा, मईया दिहा सुख-सार.
सब के बलकवा के दिहा, छठी मईया ममता-दुलार.
पिया के सनईहा बनईहा, मईया दिहा सुख-सार.

नारियल-केरवा घोउदवा, साजल नदिया किनार.
सुनिहा अरज छठी मईया, बढ़े कुल-परिवार.
घाट सजेवली मनोहर, मईया तोरा भगती अपार.

लिहिएं अरग हे मईया, दिहीं आशीष हजार.
पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहर.
करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार.

छठ गीत जोड़े जोड़े फलवा-

सीतली बयरिया सीतल दूजे पनिया कब देब देवता तू आके दर्सनिया,
जोड़े जोड़े सूपवा आदित देव घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो.
जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो,
जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो.

विनय बिहारी लिखले माई के भजनवा गावेली पलक बेटी धई के ध्यनवा
जोड़े जोड़े पियरी ऐ गंगा मईया घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो
जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो
जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

छठ माता के गीत-

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए.
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए.
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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