अक्सर लोग रोने वालों को ताना देते हैं कि क्या बच्चों की तरह रोने लगते हो या तुम भी छोटी-छोटी बात पर रोने लगते हो लेकिन आपको बता दें कि स्वस्थ रहने के लिए रोना भी बहुत जरूरी है. जी हां, जो लोग नियमित रोते हैं, वह ज्यादा स्वस्थ रहते हैं. अक्सर लोग रोने को कमजोरी की निशानी मानते हैं, जबकि नहीं रोना आपको ज्यादा कमजोर करता है. कई बार तो नहीं रोने की वजह से लोगों को मानसिक समस्या हो जाती है. खाने, सोने और एक्सरसाइज की तरह नियमित रोना भी जरूरी है. इस मामले में मनोचिकित्सक डॉ. सुरेश अवस्थी कहते हैं कि मन में कई तरह के विकार, कई तरह के इमोशन्स दबे होते हैं जो रोने से ठीक हो जाते हैं. जो लोग ज्यादा रोते हैं, उन्हें डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी समस्याएं कम होती हैं.
इसे भी पढ़ेंः T-20 World Cup: भारत का वर्ल्ड कप जीतना है पक्का!
कई विशेषज्ञों का दावा है कि रोने से मानसिक तनाव में कमी आती है. यही नहीं कई बार बॉडी पेन से भी राहत मिलती है. दरअसल, रोने से शरीर में आक्सीटोसिन और एंडोर्फिन हार्मोन का उत्पादन होता है, जो आपको शारीरिक और भावनात्मक दर्द से राहत देता है. डॉ. प्रशांत गर्ग का कहना है कि आंसुओं में लाएसोजिम नामक फ्लूइड होता है. जिस कारण रोने से आंखों के लिए हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और आंखें साफ होती हैं.
तो हम यह कह सकते हैं कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी रोना बहुत फायदेमंद है. यही नहीं रोने से आपके अंदर के स्ट्रेस हार्मोंस भी रिलीज होते हैं. अगर व्यक्ति बहुत स्ट्रेस या तनाव में है तो रोने से तुरंत राहत मिलती है. तो अब कोई रोए तो उसे बच्चों की तरह रोने वाला कहकर मजाक न उड़ाएं बल्कि जो नहीं रो रहा उस पर ध्यान लगाएं. उसे स्वस्थ रहने के लिए रोने के फायदे बताएं.
HIGHLIGHTS
- रोने को लोग समझते हैं कमजोरी की निशानी
- कई बार तो रोने वालों का उड़ता है मजाक
- रोने से स्वास्थ्य को होते है बहुत सारे लाभ