Cure of piles: पाइल्स से न हों परेशान, घरेलू उपचार से मिलेगा समाधान

पाइल्स यानी बवासीर में लोग महंगी-महंगी दवाईयां खाते हैं जो कि लंबे समय तक चलती हैं लेकिन अगर थोड़े से घरेलू उपचार और योग के आसनों का सहारा लिया जाए तो बिना महंगी दवाईयों के भी इस पर काबू पाया जा सकता है.

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Apoorv Srivastava
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piles( Photo Credit : social media)

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वैसे तो रोग कोई भी हो, रोगी के लिए अभिशाप ही होता है लेकिन आज हम जिस बीमारी की बात कर रहे हैं वह बहुत ही कष्टदाई और शर्मसार करने वाली बीमारी है. रोगी को अपनी इस बीमारी को बताने में भी शर्म और हिचकिचाहट होती है. बात हो रही है पाइल्स यानी बवासीर की. यह बीमारी बहुत पीड़ादायक होती है. अक्सर लोग इस बीमारी में महंगी-महंगी दवाईयां खाते हैं जो कि लंबे समय तक चलती हैं लेकिन अगर थोड़े से घरेलू उपचार और योग के आसनों का सहारा लिया जाए तो बिना महंगी दवाईयों के भी इस पर काबू पाया जा सकता है. सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि पाइल्स (बवासीर) कितने तरह का होता है और इसके लक्षण क्या हैं- 

1- खूनी बवासीरः खूनी बवासीर में किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है केवल शौच के समय खून आता है. शुरुआत में थोड़ा-थोड़ा खून आता है पर बाद में ज्यादा आने लगाता है. 

2-बादी बवासीर: बादी बवासीर रहने पर पेट खराब रहता है. कब्ज बना रहता है. गैस बनती है. बवासीर की वजह से पेट बराबर खराब रहता है. न कि पेट गड़बड़ की वजह से बवासीर होती है. इसमें जलन, दर्द, खुजली, शरीर में बेचैनी, काम में मन न लगना इत्यादि समस्या हो जाती हैं. 

अब बात आती है इसके इलाज की. योग एवं आयुर्वेद एक्सपर्ट निकेत सिंह कहते हैं कि ऋषियों द्वारा दी गई उपचार पद्धति में इस बीमारी का सटीक, सफल और स्थाई उपचार संभव है. 

नारियल औऱ छाछः इसका सबसे आसान इलाज है नारियल और छाछ (मट्ठे) से. इसके लिए नारियल के ऊपर जटा को आग में जलाकर उसकी भस्म (राख) को इकठ्ठा कर लें. इस भस्म की 3-3 ग्राम की 6 पुड़िया बना लीजिए. इस भस्म को 100 ग्राम छाछ ( मठ्ठा) में मिला कर दिन में 3 बार  (सुबह, दोपहर और शाम) सेवन करने से 1 दिन में ही लाभ दिखने लगता है. 

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हल्दी लेपः इसके अलावा हल्दी लेप भी इसका अच्छा इलाज है. पिसी हल्दी और कड़वी तोरई के रस को मस्सों यानी पाइल्स के स्थान पर लगाने से 8 से 10 दिनों में बहुत अधिक लाभ दिखाई देता है. इसके अलावा कड़वा नीम का तेल या अन्य कड़वे तेलों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. 

छोटी हरड़ः छोटी हरड़ रोज 5 से 10 ग्राम लेने से और पाइल्स के मस्से पर अरंडी का तेल लगाने से पाइल्स में बहुत लाभ मिलता है. 

नीम के फलों की गिरीः नीम के फलों की गिरी पाइल्स रोग में बहुत शीघ्र लाभ देती है. एक नीम के फल की गिरी और उतनी ही मात्रा में गुड़ प्रतिदिन सुबह खाली पेट लेने से 7 से 8 दिन के अंदर पाइल्स रोग जड़ से खत्म किया जा सकता है. 

छाछः छाछ यानी मट्ठा पाइल्स में बहुत लाभदायक है. छाछ में भुना जीरा और काला नमक डालकर प्रतिदिन भोजन के बाद लेने से पाचन तंत्र ठीक रहता है. पेट को ठंडक मिलती है जिससे बवासीर बहुत जल्दी ठीक हो जाती है. 

ये भी रखें ध्यानः 
इन सभी उपायों के साथ में रोज सुबह-सुबह पानी पीना चाहिए. बासी, तले हुए व मसालेदार खाने से बिल्कुल दूर रहें. चना, मूंगफली, मूंग दाल आदि का अंकुरित बनाकर सुबह खाएं. चाय, मांसाहार, गुटखा आदि का परहेज करें. 

योग के इन आसनों को भी अपनाएं-

योग एक्सपर्ट निकेत सिंह ने बताया कि बवासीर के सफल उपचार के रूप में योग के तीन आसन बहुत कारगर सिद्ध होते हैं. सुबह-सुबह बासी मुंह पानी पिएं और उसके बाद यह तीन आसन करें. 

ताड़ासनः एक स्थान पर सीधे खड़े हो जाएं. दोनों हाथों को हवा में ऊपर उठा लें और हथेलियां आपस में जोड़ लें. फिर एड़ियों को ऊपर उठाएं और पंजे के बल खड़े हों. फिर शरीर को ऊपर खिंचने का प्रयास करें और जितना हो सके ऊपर खींचें. कुछ सेकेंड बाद एड़ियां नीचे कर लें. यह प्रक्रिया तीन बार अपनाएं. 

तिर्यक ताड़ासनः ताड़ासन की तरह ही हवा में ऊपर उठे और शरीर को एक बार बाएं खींचे. फिर दोबारा ताड़ासन की पोजीशन में आकर फिर शरीर को दाएं खींचें. 

कटिचक्रकासनः दोनों पैर बराबर रखकन दोनों हाथों को जमीन के समानांतर रख लें. फिर कमर को पहले बाएं फिर दाएं घुमाएं. यह प्रक्रिया पांच-पांच बार करें. 

Source : News Nation Bureau

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