Air Pollution In Delhi: दिल्ली में हर साल लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. इस साल भी दिल्ली का AQI लेवल काफी जानलेवा बना हुआ है. दिल्ली के कई जिलों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हवा का AQI 50 और उससे कम हो तो अच्छा माना जाता है, 51 से 100 को संतोषजनक माना जाता है, 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 तक हो तो गंभीर माना जाता है. वहीं दिल्ली का AQI स्तर आज के दिन 334 तक पहुंचट चुका है. जो कि सेहत के लिए काफी जानलेवा है. ऐसे में AQI का बढ़ता स्तर अस्थमा के लक्षणों को और भी ज्यादा खतरनाक बना देता है.
अस्थमा
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अस्थमा एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है जिसमें व्यक्ति को खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानी होती है. अस्थमा के लक्षण आपको हल्के, मध्यम या गंभीर हो सकते हैं और कभी-कभी तो जानलेवा भी हो सकती हैं. जब अस्थमा के लक्षण अचानक बिगड़ जाते हैं, तो इसे अस्थमा का दौरा कहते हैं. अस्थमा बीमारी का कोई इलाज नहीं है. लेकिन अधिकतर मामलों में, अस्थमा का इलाज बेहद आसान होता है.
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, प्रदूषण विशेष रूप से छोटे कण (PM2.5), फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं, जिससे वायुमार्ग में सूजन हो सकती है. इससे अस्थमा के लक्षण बदतर हो सकते हैं, जिनमें घरघराहट, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं शामिल है.
वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से फेफड़ों और निचले शरीर के बीच की दूरी कम हो जाती है, जिससे वायु प्रदूषण का अवशोषण कम हो सकता है और इंसान को अस्थमा की स्थिति और खराब हो सकती है.
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वायु प्रदूषण में ऐसे जहरीले पदार्थ होते हैं जो आपके श्वसन तंत्र को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. जब भी आप इन प्रदूषण हवाओं के संपर्क में आते हैं, तो ऑक्सीडेटिव युक्त तनाव पैदा होता है और अस्थमा के लक्षणों को बढ़ाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)