दिवाली का पर्व हो और दिवाली पर पटाखे न जले फिर तो दिवाली फीकी ही लगती है. लेकिन जैसा की आप भी जानते है प्रदुषण के कारण पटाखें जलाना मना है लेकिन फिर भी पटाखों के बिना किसी को चैन नहीं है. आतिशबाजी करने के शौकीन, पटाखे जलाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन वायु प्रदूषण (Air Pollution) को रोकने के लिए कई राज्य सरकारों ने पटाखों पर बैन (Firecrackers Ban) लगा राखी है क्यूंकि लोगों के स्वास्थ्य और वातावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाना बेहद जरुरी है. ऐसे में अब ग्रीन पटाखें (Green Firecrackers) चर्चा का विषय बन चुकें हैं.
राज्य सरकारों की ओर से गाइडलाइन आने लगी हैं, जिनमें पटाखों को बैन करने से लेकर उनको बैन करने न करने की बात की जा रही हैं. इसके साथ ही एक नाम फिर से खबरों में आने लगा है और वो है ग्रीन पटाखें. दरअसल, कई राज्यों ने सामान्य पटाखों पर बैन लगाते हुए ग्रीन पटाखों की इजाजत दी है. जिसके बाद से ग्रीन पटाखे चर्चा का विषय बने हुए हैं.
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
पर्यावरण में कम प्रदुषण फैलाने वाले पटाखों को ग्रीन पटाखा कहा जाता है. ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण फैलाने वाले हानिकारक रसायन जैसे- एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं. एक्सपर्ट्स का ऐसा कहना है कि ग्रीन पटाखों के कारण वातावरण प्रदुषण में 20 से 40 प्रतिशत कमी आती है. आपको बता दें ग्रीन पटाखे तीन प्रकार के होते हैं- सेफ वाटर रिलीजर (SWAS), सेफ थर्माइट क्रैकर (STAR) और सेफ मिनिमल एल्युमीनियम (SAFAL).
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कहां मिलेंगे ग्रीन पटाखे?
कुछ साल पहले तक पटाखों को खुले में बेचने की छूट थी. लेकिन बढ़ते हादसे और पटाखों की धांधली के चलते सरकार ने इन पर रोक लगा दी. ऐसे में सरकार की ओर से रजिस्टर्ड दुकान पर ही पटाखें खरीदने की छूट है. दिवाली (Diwali 2021) के मौके पर उत्तर प्रदेश में इस बार केवल ग्रीन पटाखे ही बेचे जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर प्रतिबन्ध रहेगा.