दीपावली पर शहरभर में पटाखों से प्रदूषण में इजाफा होना तय है. खासतौर पर दिल्ली जैसी जगह में जहां, पहले से ही हवाओं में जहर घुलता जा रहा है. दिल्लीवालों का इस शहर में सांस लेना भी दूभर हो गया है, लिहाजा क्या किया जाए-क्या नहीं, कुछ समझ नहीं आ रहा. एक्सपर्ट्स की मानें तो, दीपावली में हर साल पटाखों से तीन से चार गुना तक प्रदूषण के दर में इजाफा होता है. हालांकि बावजूद इसके हर साल, पटाखे उसी तरह से जलाए जाते हैं, जिससे प्रदूषण में मौजूद अति सूक्ष्म जहरीले कण हमारे फेफड़ों व दिल को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में सवाल है कि, आखिर कैसे हमें इस कदर गंभीर बीमारी का शिकार बनाने वाले पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण कैसे पाया जाए? चलिए आज इस बारे में जानें...
पटाखों की कमी: अधिकतम संभावना होती है कि दिवाली मनाने के लिए आपको सभी प्रकार के पटाखे की जरुरत नहीं होगी. इस बारे में सोचें और केवल आवश्यकता के हिसाब से खरीदारी करें.
ध्यानपूर्वक चयन करें: जो पटाखे इस्तेमाल करते हैं, वे प्रदूषण में कमी के साथ-साथ अधिकतम मनोरंजन भी प्रदान करते हैं. आप आत्मनिर्भर पटाखों को चुन सकते हैं जो अधिकतम बौछार नहीं फैलाते हैं.
ध्यानपूर्वक उपयोग करें: पटाखों को सही तरीके से उपयोग करें. उन्हें खुले स्थानों में और सुरक्षित तरीके से जलाएं.
आत्मनिर्भरता बढ़ाएं: अगर आप आत्मनिर्भरता बढ़ाना चाहते हैं, तो स्थानीय कला कारीगरों के बनाए गए पटाखों को पसंद करें. इससे स्थानीय विकास को भी सहारा मिलेगा.
पौधशालीन विकल्प: आप पौधशालीन पटाखों का उपयोग कर सकते हैं जो पौधों से बने होते हैं और प्रदूषण में कमी करते हैं.
आत्मनिर्भर तोरणों का चयन करें: आप विभिन्न प्रकार के आत्मनिर्भर तोरणों का चयन कर सकते हैं जो प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं.
बैटरी संचारित उपहारों का चयन करें: बैटरी संचारित उपहार एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो एक बार चार्ज होने पर कई दिनों तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
प्रदूषण नियंत्रण उपायों का अनुसरण करें: जब आप पटाखे जला रहे हैं, तो आसमान की दिशा में जलाएं ताकि प्रदूषण ऊपर न जाए, बल्कि नीचे गिरे.
ध्यानपूर्वक निगरानी रखें: बच्चों को समझाएं कि पटाखे सही तरीके से जलाए जाएं और उन्हें प्रदूषण के बारे में शिक्षित करें.
पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों का समर्थन करें: अपने स्थानीय समुदाय के पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों का समर्थन करें और इनमें भाग लें.
शिक्षा दें: लोगों को प्रदूषण और उसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जानकारी दें, ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहें.
Source : News Nation Bureau