Early Age Marriage: कम उम्र में शादी, जो आमतौर पर 18 साल से पहले होती है, कई सामाजिक, स्वास्थ्य, और आर्थिक नकारात्मक परिणामों से जुड़ी होती है. शादी एक सामाजिक और धार्मिक आयोजन है जिसमें दो व्यक्ति एक-दूसरे के साथ जीवन भर के लिए बंधन बाँधते हैं. यह एक गंभीर और साकारात्मक कदम है जो दोनों पक्षों के परिवारों और समाज के समर्थन और सहमति के साथ होता है. कम उम्र में शादी को सामाजिक, धार्मिक, और नैतिक दृष्टि से विवाह की असमानता के रूप में देखा जाता है. इसका मतलब है कि जब किसी व्यक्ति को उसकी शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक प्रगति के लिए पर्याप्त बुद्धि और अनुभव नहीं होता है, तो उसे शादी करने की स्थिति में नहीं लाया जाना चाहिए. कम उम्र में शादी के अनेक नक्षत्र हैं, जैसे कि बालिकाओं के अधिकारों की हनन, शिक्षा और करियर के अवसरों का हानि, स्वास्थ्य समस्याओं का उत्पन्न होना, और प्रेम और सम्मान की कमी. सामाजिक समाज और कानून ने अब कम उम्र में शादी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. वे बालिकाओं के संरक्षण, शिक्षा के अधिकारों की सुरक्षा, और उनकी समृद्धि के लिए कई योजनाओं और कानूनी प्रावधानों को लागू किया है. आइए जानते हैं कम उम्र में शादी के क्या नुकसान हैं.
शिक्षा में बाधा
कम उम्र की शादीशुदा लड़कियां अक्सर स्कूल छोड़ देती हैं या अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाती हैं. इसका कारण घरेलू कामों का बोझ, बाल देखभाल की जिम्मेदारी, और यौन उत्पीड़न का खतरा हो सकता है. शिक्षा की कमी कम कमाई और जीवन में कम अवसरों का कारण बन सकती है.
स्वास्थ्य संबंधी खतरे
कम उम्र में गर्भवती होने से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे हो सकते हैं. प्रसव संबंधी जटिलताएं, एनीमिया, और कुपोषण जैसी समस्याएं आम हैं. बाल विवाह यौन संचारित रोगों (एसटीआई) और एचआईवी/एड्स के खतरे को भी बढ़ाता है.
सामाजिक अलगाव
कम उम्र की शादीशुदा लड़कियां अक्सर अपने परिवार और दोस्तों से अलग-थलग हो जाती हैं. सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने और अपनी पसंद का जीवन जीने की उनकी स्वतंत्रता कम हो जाती है.
घरेलू हिंसा और शोषण का खतरा भी बढ़ जाता है.
आर्थिक कठिनाई
कम उम्र की शादीशुदा लड़कियां अक्सर गरीबी में फंस जाती हैं. उनके पास कम कमाई होती है और वे आर्थिक रूप से अपने पति या परिवार पर निर्भर होती हैं. यह उन्हें शोषण और अन्याय के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है.
लड़कियों के विकास में बाधा
कम उम्र में शादी लड़कियों को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोकती है. वे स्वतंत्र निर्णय लेने, नेतृत्व कौशल विकसित करने और अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम नहीं होती हैं.
कम उम्र में शादी के प्रत्येक मामले का प्रभाव व्यक्ति और परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकता है. कम उम्र में शादी को रोकने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. इनमें शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम, कानूनी सुधार, और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण पहल शामिल हैं.
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Source : News Nation Bureau