Breast Feeding Tips in Monsoon: मौसम करवट लेने को तैयार है. मानसून भी दस्तक देने को है. यूं तो बारिश का मौसम सभी को पसंद होता है, लेकिन घर में अगर छोटे बच्चे हो तो उनके बीमार होने की चिंता भी बढ़ जाती है. मानसून में अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो शिशुओं और बच्चों से बीमारियां दूर रहेंगी. बारिश के मौसम में बच्चों के बीमार होने का खतरा अधिक होता है. शिशुओं और छोटे बच्चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है या विकसित ही नहीं हुई होती है. ऐसे में उनके लिए मानसून में ज्यादा मुश्किल हो जाती है. उनके खानपान, दिनर्चया में बदलाव किया जाए और उन्हें पौष्टिक आहार दिया जाए तो काफी हद तक उन्हें बीमार होने से बचाया जा सकता है. यहां हम आपको मानसून में बच्चों की सही देखभाल के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं.
पोषक तत्व से भरपूर आहार लें
आपका शिशु अगर छोटा है और आप उसे स्तनपान करती हैं, तो उसे मानसून में स्वस्थ्य रखने के लिए आपको अपने आहार पर ध्यान देना होगा. ब्रेस्टमिल्क से बच्चे को एंटीबॉडीज मिलते हैं. शिशुओं को बीमारियों से बचाव के लिए विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है. ब्रेस्टफीडिंग मदर अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जिनमें ये सभी पोषक तत्व मौजूद हों.
नैपी करें ज्यादा बार चैक
इस मौसम में बच्चों की नैपी जल्दी गीली हो जाती है. इसलिए आपको भी नैपी ज्यादा बार चेक करनी होगी. क्योंकि गीले डायपर की वजह से बच्चे को रैशेज या इंफेक्शन हो सकता है. मानसून के दौरान शिशु और बच्चों को हल्के गर्म कपड़े पहनाएं. बारिश के मौसम में कपड़े हल्के गीले ही लगते हैं इसलिए बच्चे को कपड़े पहनाने से पहले उन पर ईस्त्री कर लें. इससे कपड़ों की नमी निकल जाएगी. कपड़े भीग जाने पर तुरंत उसे बदलें.
बच्चे को मॉस्किटो नेट के अंदर सुलाएं
मौसम बदलते ही बुखार जुकाम होना शुरू हो जाता है. बदन दर्द और छींक आना वायरल बीमारी के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं. शिशु में इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. बरसात के मौसम में मच्छर भी बहुत हो जाते हैं. मच्छर शिशु को काट लें तो दिक्कत हो सकती है. इसलिए मच्छरों से बचने के लिए बच्चे को मॉस्किटो नेट के अंदर सुलाएं. शाम को पूरी बाजू के कपड़े पहनाकर रखें.
खट्टे फल, योगर्ट, हल्दी जरूर खिलाएं
बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए उनकी इम्यूनिटी को मजबूत करना सबसे पहला काम होता है. इसके लिए बच्चे को पौष्टिक आहार दें. बच्चे ने अगर ब्रेस्टफीडिंग छोड़ कर सम्पूर्ण आहार लेना शुरू कर दिया है तो ऐसी डाइट दें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल हो. आप उसे खट्टे फल, योगर्ट, हल्दी, अदरक और लहसुन भी खिलाएं. इसके अलावा बच्चे को साफ पानी और ताजा फलों का जूस पिलाएं.
सभी जरूरी वैक्सीन लगवा लें
छोटे बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है इसलिए बारिश में बाहर ले जाने से बचें.उन्हें गंदी और धूलभरी जगहों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर ना लेकर जाएं. जिन जगहों पर ज्यादा घास उगी हुई हो, वहां से भी बच्चों को दूर रखें. बारिश में हर जगह गदंगी हो जाती है. यहां पर मच्छरों के काटाने का डर भी रहता है. वहीं भीड़ वाली जगहों पर बच्चे के इंफेक्शन से ग्रस्त या बीमार लोगों के संपर्क में आने का भी डर रहता है. इसलिए बच्चे को ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर भी ना लेकर जाएं. बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए सभी जरूरी वैक्सीन लगवा लें.
Source : News Nation Bureau